Makar Sankranti 2025: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर एक विशेष आयोजन की योजना बनाई है। मंगलवार, 14 जनवरी को राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड में दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाएगा। यह भोज बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है, क्योंकि यह मकर संक्रांति के दौरान होने वाले परंपरागत भोजों का हिस्सा है, जिसमें बिहार के कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जाता है।
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लालू यादव के दही-चूड़ा भोज का आयोजन
इस दही-चूड़ा भोज में लालू प्रसाद यादव द्वारा बिहार के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। यह भोज बिहार की राजनीति में हमेशा एक सियासी महत्व रखता है, क्योंकि इस दौरान विभिन्न दलों और नेताओं के बीच रिश्तों को लेकर चर्चाएँ होती हैं। हालांकि, इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इस भोज का निमंत्रण भेजा गया है, क्योंकि पिछले कुछ समय से उनकी और लालू यादव की राजनीतिक स्थिति में कुछ उतार-चढ़ाव आया है।

जहां एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भोज की तैयारी जोरों पर है, वहीं दूसरी ओर इस भोज में केवल राजद के बड़े नेताओं को ही आमंत्रित किया गया है। यह भोज न केवल सियासी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बिहार की पारंपरिक संस्कृति और उत्सवों का भी प्रतीक है। भोज में मेहमानों को दही-चूड़ा, तिलकुट, तिलवा, भूरा और अन्य पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने का अवसर मिलेगा।
सियासी नेतृत्व की भागीदारी
मकर संक्रांति के मौके पर लालू प्रसाद यादव का यह भोज राज्य और देश की राजनीति में चर्चाओं का केंद्र बन सकता है। भोज में शामिल होने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता और अन्य राजनीतिक दिग्गजों को आमंत्रित किया गया है, जो इस अवसर को सियासी दृष्टिकोण से भी अहम मानते हैं। भोज के दौरान नेताओं के बीच वार्ता और विचार-विमर्श की संभावना रहती है, जो भविष्य की राजनीतिक योजनाओं और गठबंधनों को प्रभावित कर सकती है।

बिहार के सियासी हलकों में यह भोज हमेशा से एक महत्वपूर्ण मौका रहा है, जब अलग-अलग दलों के नेता आपस में मिलते हैं, और राजनीतिक संबंधों को नया मोड़ देते हैं। ऐसे में यह भोज आगामी चुनावी रणनीतियों और राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।