Lucknow News: 2024 लोकसभा चुनाव के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपने संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए आकाश आनंद को फिर से महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी है। चुनाव के समय मायावती ने आकाश आनंद को अपरिपक्व बताते हुए उत्तराधिकारी का पद छीन लिया था, लेकिन चुनाव के बाद हुई पहली बैठक में मायावती ने उन्हें पुनः अपनी विरासत सौंपी। 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने आकाश आनंद को अपरिपक्व कहते हुए उनके प्रचार करने पर भी रोक लगा दी थी। परंतु चुनाव के बाद मायावती ने आकाश आनंद को पुनः उत्तराधिकारी बनाते हुए पूरे संगठन में फेरबदल की मंशा जाहिर की। मायावती ने नए लोगों को जिम्मेदारी देने की भी बात कही, जिससे संगठन में नई ऊर्जा का संचार हो सके।
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लखनऊ जिला कमेटी में बड़े बदलाव
रविवार को लखनऊ में बसपा ने जिला कमेटी में बड़ा बदलाव करते हुए नई कमेटी की घोषणा की। मायावती के निर्देश पर बनी इस नई कमेटी में कई नए पदाधिकारियों का एलान किया गया। लखनऊ के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार गौतम के नेतृत्व में पूरी जिले की टीम का एलान हुआ। इस नई लिस्ट में राकेश जायसवाल को जिला उपाध्यक्ष, करन पटेल को जिला महासचिव, और रमाशंकर गौतम को जिला सचिव बनाया गया है।
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नई जिम्मेदारियां और रणनीति
इसके अलावा युसुफ गाजी को जिला खजांची, एड. विशाल कांशी और कुलदीप रावत को जिला कार्यकारिणी सदस्य, विजय चौधरी को जिला बी.वी.एफ संयोजक, और आर.के. बर्मन को बामसेफ का जिला संयोजक बनाया गया है। 2024 के चुनाव में करारी हार के बाद बसपा अब 2027 के चुनाव के लिए नई रणनीति तैयार कर रही है। 2007 में विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने के बाद, 2012 से लगातार बसपा की परफॉर्मेंस गिर रही है। 2014, 2017, 2019, 2022, और 2024 के चुनावों में पार्टी अपनी उम्मीद से बहुत कम प्रदर्शन कर पाई है।
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बसपा की नई ऊर्जा
मायावती की अध्यक्षता में बसपा अब 2027 के विधानसभा चुनाव में नई ऊर्जा और रणनीति के साथ उतरने की तैयारी कर रही है। संगठन में किए गए बड़े बदलाव और आकाश आनंद को पुनः उत्तराधिकारी बनाने का निर्णय पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश है। मायावती ने बैठक में साफ कर दिया कि 2027 के चुनाव में बसपा पूरी ताकत के साथ उतरेगी और नई कमेटी के पदाधिकारियों को जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए प्रेरित किया।
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बसपा की नई रणनीति
बसपा की इस नई रणनीति और फेरबदल के साथ पार्टी कार्यकर्ता भी नई उम्मीद और जोश के साथ जुट गए हैं। 2027 के विधानसभा चुनावों में बसपा का प्रदर्शन कैसा रहेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी स्थिति में पीछे हटने वाली नहीं है।