दिल्ली के Rau IAS कोचिंग सेंटर हादसे में बड़ी कार्रवाई, बुलडोजर से हटाया गया कोचिंग सेंटर का गेट

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Rau IAS

Delhi Coaching Centre: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित RAU IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से हुई त्रासदी के बाद प्रशासनिक कार्रवाई तेज हो गई है। बुधवार को कोचिंग सेंटर के गेट के हिस्से को हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। यह गेट फोरेंसिक जांच के लिए ले जाया जा रहा है। 27 जुलाई को RAU IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भारी बारिश के बाद पानी भरने से दो छात्राओं और एक छात्र की मौत हो गई थी। कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी भरने से छात्रों की जान चली गई। शाम 6:30 बजे के आसपास, सड़क पर भरा पानी अचानक बेसमेंट में घुस गया। घटना के समय बेसमेंट में 35 छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई

हादसे के बाद दिल्ली पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई, लेकिन जब तक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची, तब तक बेसमेंट पानी से भर चुका था। इस मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों की जमानत याचिका को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इनमें चार आरोपी भाई हैं जो बेसमेंट के मालिक थे, और पांचवां आरोपी गाड़ी चालक है। पुलिस का आरोप है कि तेज रफ्तार गाड़ी के कारण पानी का प्रेशर बढ़ा और हादसा हुआ। भाजपा की पूर्व सांसद और अभिनेत्री जया प्रदा ने बुधवार को प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों से मुलाकात की, लेकिन उनकी मदद को लेकर छात्रों की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही। छात्रों ने जया प्रदा से कहा कि वे राजनीति से दूर रहें।

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फोरेंसिक जांच और एमसीडी का एक्शन

कोचिंग सेंटर के गेट की खराबी की जांच के लिए उसे फोरेंसिक टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है। वहीं, एमसीडी ने इस घटना के बाद सीलिंग ड्राइव शुरू कर दी है। अब तक 25 से अधिक संस्थानों के बेसमेंट सील किए गए हैं और कई अवैध संस्थानों को नोटिस जारी किए गए हैं। इस दु:खद घटना ने दिल्ली में शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा की गंभीर कमी को उजागर किया है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम आवश्यक हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े मानक और सख्त निगरानी की आवश्यकता है। इसके अलावा, राजनीतिक हस्तक्षेप और आरोपों से परे, यह आवश्यक है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं।

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