Kedarnath Yatra: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण हालात और भी गंभीर होते जा रहे हैं। रविवार सुबह गौरीकुंड-केदारनाथ (Kedarnath) पैदल मार्ग पर चीरबासा के समीप अचानक हुए भूस्खलन में पांच यात्री फंस गए। इस हादसे में तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया। पांचवें यात्री की तलाश के लिए सर्च और रेस्क्यू अभियान जारी है।
राहत और बचाव कार्य
रविवार सुबह 7:30 बजे के करीब केदारनाथ यात्रा मार्ग (Kedarnath Yatra) पर चीरबासा के पास पहाड़ी से मिट्टी और भारी पत्थर गिरने से कुछ यात्री मलबे में दब गए। सूचना मिलते ही यात्रा मार्ग पर तैनात सुरक्षा कर्मी, जिसमें एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, वाईएमएफ प्रशासन की टीम शामिल थी, मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में जुट गई। रेस्क्यू टीम ने मलबे से तीन व्यक्तियों को निकाल लिया, जो मृत पाए गए। एक घायल व्यक्ति को निकालकर उसका प्राथमिक उपचार किया गया और केदारनाथ यात्रा मार्ग में बने अस्थाई अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रशासन की तत्परता
रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार के अनुसार, आपदा कंट्रोल रूम को सुबह 7:30 बजे के करीब सूचना मिली कि केदारनाथ यात्रा मार्ग चीरबासा के पास पहाड़ी से मलबा और भारी पत्थर गिरने से कुछ यात्री मलबे में दब गए हैं। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, वाईएमएफ प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। रेस्क्यू टीम ने मलबे से तीन व्यक्तियों को निकाल लिया, जो मृत पाए गए, और एक घायल व्यक्ति को निकाला गया। एक अन्य व्यक्ति की तलाश में बचाव और सर्च अभियान जारी है।
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मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने 21 और 22 जुलाई को उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। नैनीताल, उधम सिंह नगर, चंपावत और पौड़ी में बारिश का रेड अलर्ट है, जबकि शेष उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में सभी को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह हादसा हमें यह याद दिलाता है कि प्रकृति के सामने हम कितने असहाय हो सकते हैं। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने एक बार फिर से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन की तत्परता और रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना की जानी चाहिए, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए पूर्व तैयारी और सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की स्थिति को देखते हुए यात्रा की योजना बनाएं और प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। इस घटना से हमें सीख लेनी चाहिए और भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचाव के लिए और अधिक मजबूत कदम उठाने चाहिए।
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