महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर माना जाता है। महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) 2025 का पर्व 13 फरवरी को है, और इस दिन के महत्व को समझते हुए भक्त पूरे मनोयोग से व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं और महादेव की उपासना में संलग्न रहते हैं।इस दिन विशेष रूप से कुछ नियमों और सावधानियों का पालन करके भक्त भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानें महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) पर हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

Read More:Ravidas Jayanti 2025: दीन-हीन और गरीबों के लिए संत रविदास का योगदान,जानें इस दिन के महत्व को..
क्या करें?
व्रत रखें: महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) पर व्रत रखना विशेष महत्व रखता है। इस दिन उपवासी रहकर भगवान शिव की पूजा करना एक सर्वोत्तम उपाय है। व्रत से शरीर और आत्मा दोनों की शुद्धि होती है। भक्तों का मानना है कि व्रत रखने से भगवान शिव भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं और उसे समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
रातभर जागरण करें: महाशिवरात्रि(Mahashivaratri) की रात जागकर शिव पूजा करना अत्यंत पुण्यकारी है। भक्तों को इस रात विशेष रूप से “ॐ नमः शिवाय” जैसे शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ भी इस दिन बहुत लाभकारी माना जाता है। इस रात का जागरण आत्मा की शुद्धि और मानसिक शांति के लिए उत्तम है।

Read More:Mahashivratri 2025:कब और क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि, जानें इसका महत्व
शिवलिंग का अभिषेक करें: महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) के दिन शिवलिंग का अभिषेक करना अति शुभ माना जाता है। भक्तों को इस दिन शिवलिंग पर दूध, शहद, दही, घी, और जल अर्पित करना चाहिए। इन पदार्थों से शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
बिल्व पत्र अर्पित करें: भगवान शिव को बिल्व पत्र अत्यधिक प्रिय होते हैं। इस दिन शिवलिंग पर तीन पत्तियों वाला बिल्व पत्र अर्पित करें। इससे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के समस्त संकटों से मुक्ति मिलती है।
सत्संग में भाग लें: महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) के अवसर पर शिव के भजन, कथा और उपदेश का आयोजन किया जाता है। इस दिन शिव कथा सुनने और भजन गाने से मानसिक शांति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि संभव हो तो इस दिन धार्मिक सभा या सत्संग में भाग लें।

क्या न करें?
मांसाहार और मद्यपान से बचें: महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) के दिन मांसाहार और मद्यपान करना अत्यंत अशुभ माना जाता है। यह दिन पवित्रता और तपस्या का है, इसलिए इस दिन इनसे दूर रहना चाहिए। अगर आप व्रत कर रहे हैं, तो अहार में सादा भोजन करें और जंक फूड से भी बचें।

गुस्सा और क्रोध से बचें: महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) पर गुस्सा और क्रोध करना अशुभ है। यह दिन मानसिक शांति और संयम का है। क्रोध से मानसिक अशांति होती है और पूजा का लाभ नष्ट हो सकता है। इस दिन किसी से भी झगड़ा या विवाद से बचने का प्रयास करें।
झगड़े और विवाद से बचें: महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) पर पूजा और व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के झगड़े या विवाद से बचना चाहिए। इस दिन शांति बनाए रखना बहुत जरूरी है। तनाव और विवाद पूजा के फल को नष्ट कर सकते हैं।
अवशेष छोड़ना: महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) पर व्रत के दौरान भोजन का अवशेष छोड़ना भी अशुभ माना जाता है। इसलिए व्रत के बाद भोजन का सही तरीके से सेवन करें। किसी भी प्रकार का अवशेष छोड़ने से बचें क्योंकि यह आपके पुण्य को नष्ट कर सकता है।