महाशिवरात्रि 2025 (Mahashivaratri) का पर्व बहुत ही निकट है और देशभर में इस दिन की तैयारियां जोरों पर हैं। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को विशेष महत्व प्राप्त है, जो भगवान शिव की पूजा और उपासना का दिन है। यह दिन हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 2025 में 13 और 14 फरवरी को आएगा। महाशिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के पाप समाप्त हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) के दिन भक्त दिनभर उपवासी रहते हैं और रात्रि को शिवलिंग का पूजन करते हैं। इस दिन विशेष रूप से शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि आप इस महाशिवरात्रि पर शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को और बढ़ाना चाहते हैं, तो शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होगा।
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शिव चालीसा का महत्व

शिव चालीसा भगवान शिव की 40 मात्राओं में उनकी महिमा का वर्णन करता है। इसे पढ़ने से भक्तों को मानसिक शांति मिलती है और भगवान शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है। इस चालीसा का नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान करता है और भगवान शिव की आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है। महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) के दिन शिव चालीसा का पाठ विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।
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शिव आरती का महत्व
शिव आरती भी भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। इस आरती में भगवान शिव की प्रशंसा करते हुए उन्हें समर्पण किया जाता है। शिव आरती का पाठ करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) की रात शिव आरती का पाठ करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
पूजन विधि
महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) के दिन सबसे पहले शिवलिंग की सफाई करें और फिर उसका अभिषेक जल, दूध, शहद, गंगाजल और फल आदि से करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें और शिव आरती गाएं। रातभर भगवान शिव के मंत्रों का जप करें और पूरी श्रद्धा से उनका ध्यान करें। इस दिन व्रत रखने से आत्मिक शांति और बल मिलता है।