Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुटों को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। एक ओर जहां अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 26वें स्थापना दिवस के मौके पर किसी भी तरह के पुनः एकजुट होने की अटकलों से इंकार किया, वहीं शरद पवार की अगुवाई वाले एनसीपी (एसपी) गुट ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी। पुणे में दोनों गुटों ने अलग-अलग कार्यक्रम कर यह संकेत दिया कि फिलहाल दोनों के बीच कोई मेल की संभावना नहीं है।
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एनसीपी (अजित पवार) ने गठबंधन को बताया सामूहिक निर्णय
अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने स्पष्ट किया कि भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन में जाना पार्टी का सामूहिक निर्णय था। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा, “यह केवल अजित पवार का निर्णय नहीं था। 2014 के बाद कई बार ऐसा अवसर आया जब पार्टी एनडीए में शामिल होने वाली थी।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने अपने विचारधारा से समझौता नहीं किया है और छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और शाहू महाराज की प्रेरणाओं के अनुरूप काम कर रही है।
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“हम संत नहीं हैं” – अजित पवार
कार्यक्रम में अजित पवार ने दो टूक कहा कि वे विपक्ष में बैठकर नारे लगाने से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम संत नहीं हैं। हमें जनता के लिए काम करना है, उनके मुद्दे सुलझाने हैं।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2019 में शिवसेना से भी गठबंधन किया गया था, तब भी विचारधारा में समझौता किया गया था। इसलिए बीजेपी के साथ जाने के फैसले को अलग दृष्टिकोण से देखना चाहिए।
फैसले शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं – अजित पवार
एनसीपी (शरद पवार) के साथ पुनः एकजुट होने की अटकलों पर अजित पवार ने कहा कि इस तरह के निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं, न कि कनिष्ठ नेताओं या कार्यकर्ताओं द्वारा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी की प्राथमिकता सरकार में रहकर काम करना है, न कि केवल विरोध करना।
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सुप्रिया सुले ने जवाब देने से किया परहेज
वहीं एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने पुनर्मिलन के सवालों पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि वे पिछले कई दिनों से पार्टी और निजी मामलों में इतनी व्यस्त हैं कि उन्हें इस पर विचार करने का समय ही नहीं मिला।
“कुछ लोग दूसरी विचारधाराओं में चले गए” – शरद पवार
शरद पवार ने परोक्ष रूप से अजित पवार गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग पार्टी की मूल विचारधारा से भटक गए हैं और दूसरी राह पर चल पड़े हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पार्टी के साथ वफादारी से जुड़े हैं, वही असली विचारधारा के अनुयायी हैं।
चुनावों में तस्वीर होगी साफ
शरद पवार ने कहा कि चुनावों के बाद तस्वीर और स्पष्ट हो जाएगी कि कौन सही राह पर है और कौन नहीं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे एकजुट होकर आम जनता के हित में काम करते रहें।