Sanjay Nirupam On Nishikant Dubey: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा मराठी भाषा और महाराष्ट्र की औद्योगिक स्थिति पर दिए गए बयान ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। न सिर्फ विपक्षी दल, बल्कि सत्ता में सहयोगी एकनाथ शिंदे की शिवसेना और खुद बीजेपी के नेता भी इस बयान से असहज नजर आ रहे हैं।
संजय निरुपम ने बताया आपत्तिजनक
शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने निशिकांत दुबे के बयान को पूरी तरह से आपत्तिजनक बताया। उन्होंने कहा, “निशिकांत दुबे ने जो कुछ कहा है, वह समाज विशेष के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी है। किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह किसी समुदाय पर इस तरह का दुष्प्रचार करे। मैं एकनाथ शिंदे की ओर से उनके बयान पर कड़ा ऐतराज जताता हूं।”
निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे को आड़े हाथों लिया
निशिकांत दुबे ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे को आड़े हाथों लेते हुए मराठी भाषा को लेकर दिए गए उनके बयानों की आलोचना की। निशिकांत दुबे ने कहा, “कहते हो कि मराठी बोलनी होगी? आप किसके पैसों पर पल रहे हो? टाटा-बिरला, रिलायंस सब वहीं हैं, लेकिन माइंस तो हमारे बिहार-झारखंड में हैं। इंडस्ट्री गुजरात में है।”
हिंदी भाषियों पर टिप्पणी पर उठे सवाल
निशिकांत दुबे ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “अगर हिम्मत है तो सिर्फ हिंदी भाषियों को मत मारो, उर्दू, तमिल, तेलुगु बोलने वालों को भी मार कर देखो। अगर खुद को बॉस समझते हो तो आओ बिहार, यूपी या तमिलनाडु – वहां तुम्हें पटक-पटक कर मारा जाएगा। हम मराठी का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह की धमकियां सही नहीं हैं।”
फडणवीस ने दी सफाई, बयान से खुद को किया अलग
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निशिकांत दुबे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह टिप्पणी आम मराठी जनता के लिए नहीं थी, बल्कि उन संगठनों के लिए थी, जिन्होंने विवाद को उकसाया। फडणवीस ने कहा, “मेरा मानना है कि दुबे का बयान पूरी तरह सही नहीं है। महाराष्ट्र देश की तरक्की में सबसे बड़ा योगदान देने वाला राज्य है, और इस सच्चाई को कोई नकार नहीं सकता।”
निशिकांत दुबे के विवादास्पद बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति को गर्मा दिया है। जहां एक ओर बयान को लेकर बीजेपी को भीतर ही विरोध झेलना पड़ रहा है, वहीं विपक्ष इसे मराठी अस्मिता पर हमला बताकर आक्रामक हो गया है। अब देखना होगा कि पार्टी स्तर पर इस मामले को किस तरह सुलझाया जाता है और क्या निशिकांत दुबे इस पर सफाई देते हैं।
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