Maharashtra News:महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बड़ी हलचल मचने जा रही है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) को एक और बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि उनके छह सांसद एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं। सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने उद्धव गुट के 6 सांसदों को अपनी शिवसेना में शामिल करने के लिए ‘ऑपरेशन टाइगर’ की शुरुआत की है। यदि यह ऑपरेशन सफल हो जाता है, तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना का संसद में कद आधा हो जाएगा और शिंदे की शिवसेना मजबूत हो जाएगी।
‘ऑपरेशन टाइगर’ से उद्धव गुट को झटका
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 9 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 7 सीटों पर विजय पाई थी। अब यदि उद्धव गुट के 6 सांसद शिंदे गुट में शामिल हो जाते हैं, तो शिंदे के पास लोकसभा में 13 सांसद हो जाएंगे, जबकि उद्धव ठाकरे के पास केवल 3 सांसद रह जाएंगे।

यह प्रक्रिया शिंदे गुट के लिए एक रणनीतिक कदम है, जिसका समर्थन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा भी किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने 6 सांसदों को पूरी तरह से मनाने में सफलता पाई है, जिसके बाद इन सांसदों को शिंदे की शिवसेना में शामिल कराने के लिए पर्दे के पीछे कई बैठकें हुई थीं।
Read more :Saif Ali Khan पर हमला: हमलावर के चेहरे का मिलान, एक्टर का बयान दर्ज.. क्या खुलेंगे नए राज?
संसद में उद्धव का कद घटने के आसार

यदि यह बदलाव होता है, तो उद्धव ठाकरे के पास लोकसभा में केवल 3 सांसद और राज्यसभा में 2 सांसद रह जाएंगे। इसके मुकाबले शिंदे गुट में लोकसभा में 13 और राज्यसभा में 1 सांसद होंगे, यानी कुल मिलाकर 14 सांसद। इस स्थिति में उद्धव ठाकरे का संसद में प्रभाव काफी कम हो जाएगा और शिंदे की शिवसेना को एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभरने का मौका मिलेगा।
Read more :Maharashtra: भंडारा जिले में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हुआ बड़ा धमाका, अब तक 8 की मौत.. कई घायल
दल-बदल विरोधी कानून से बचने के लिए सामूहिक कदम

इस बदलाव को साकार करने के लिए शिंदे गुट ने एक अहम रणनीति अपनाई है। दल-बदल विरोधी कानून के तहत यदि दो तिहाई सांसद पार्टी छोड़ते हैं, तो उन पर कार्रवाई नहीं की जाती। इसलिए शिंदे ने 6 सांसदों को एक साथ अपनी पार्टी में शामिल कराने का निर्णय लिया है ताकि इस कानून से बचा जा सके। इस कदम से शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना और भी सशक्त हो जाएगी।
2024 के चुनाव परिणाम
2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस ने जीती थीं, जिनकी संख्या 13 थी। इसके बाद बीजेपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना दोनों ने 9-9 सीटें जीतीं। शरद पवार की एनसीपी ने 8 सीटें जीतीं, जबकि शिंदे की शिवसेना ने 7 सीटों पर विजय प्राप्त की। इस परिपेक्ष्य में शिंदे गुट की बढ़ती ताकत उद्धव गुट के लिए चिंता का कारण बन सकती है।
विधायकों की स्थिति पर सस्पेंस
हालांकि, इस समय विधायकों के बारे में कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन यह चर्चा हो रही है कि उद्धव गुट के कई विधायक भी शिंदे के संपर्क में हैं। भविष्य में इस स्थिति में और भी बदलाव आ सकते हैं, जो महाराष्ट्र की राजनीति में और उलटफेर का कारण बन सकते हैं।