Maharashtra: महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवशेना के विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन कर्मचारी की पिटाई के मामले ने सियासी घमासान को और भड़का दिया है. इस विवाद ने तब और तूल पकड़ना शुरु किया जब विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) के विधायकों ने विधानसभा परिसर के बाहर विरोध-प्रदर्शन के दौरान अनोखे अंदाज में बनियान तौलिया पहनकर सत्ताधारी गठबंधन के खिलाफ नारेबाजी की.
बनियान और तौलिया लपेटे विधायकों ने किया ‘गुंडा राज’ का प्रदर्शन
बताते चले कि, विधायक बनियान तौलिया पहनकर जोर-जोर से नारे लगाते हुए यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि गुंडा-राज चल रहा है. उनका यह अनोखा प्रदर्शन एक साफ संदेश था कि राज्य सरकार ऐसे घृणित व्यवहार को बढ़ावा दे रही है. विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि यह घटना सरकार के उन तत्वों के संरंक्षण को दर्शाती है, जो हिंसक और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करते है.
महाविकास आघाड़ी विधायकों ने आरोप लगाया
कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने इस घटना को शर्मनाक बताया और कहा कि सभी को पता होना चाहिए कि सत्ताधारी विधायक किस तरह आम लोगों के साथ बर्बरता से पेश आते हैं. वहीं, एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने बताया कि यह प्रदर्शन जनता को सचाई दिखाने के लिए किया गया है कि सत्ता में बैठे लोग आम आदमी के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. उन्होंने संजय गायकवाड़ को विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की.
गायकवाड़ के बासी खाना पर थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल
पिछले हफ्ते विधायक हॉस्टल की कैंटीन में ‘बासी’ खाना परोसने पर शिवसेना के संजय गायकवाड़ ने कर्मचारी को थप्पड़ और घूंसे मारने का वीडियो सामने आया था, जिसने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया. वीडियो में गायकवाड़ बनियान पहने और कमर पर तौलिया लपेटे हुए कैंटीन ठेकेदार को मारते हुए नजर आ रहे हैं. इस घटना की निंदा सरकार और विपक्ष दोनों तरफ से हुई है.
आदित्य ठाकरे के ‘चड्डी बनियान गैंग’ बयान पर महाविकास आघाड़ी का समर्थन
दो दिन पहले आदित्य ठाकरे ने शिवसेना विधायकों को ‘चड्डी बनियान गैंग’ कहा था, जिस पर सत्ताधारी शिवसेना के विधायक नीलेश राणे ने विरोध जताया था। महा विकास आघाड़ी के विधायकों का यह बनियान तौलिया प्रदर्शन आदित्य ठाकरे के बयान का समर्थन करने के साथ-साथ गायकवाड़ के कृत्य और उन्हें मिल रहे संरक्षण का विरोध भी था।
राज्य की सियासत में इस घटना ने बढ़ाई राजनीतिक तापमान
यह मामला न केवल शिवसेना और महाविकास आघाड़ी के बीच तनाव बढ़ा रहा है, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की सियासत में नई हलचल भी पैदा कर रहा है। विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है कि वह ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है जो कानून और व्यवस्था को चुनौती देते हैं। इस विवाद ने विधानसभा परिसर में भी चर्चा का विषय बनकर सत्ताधारी गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
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