Maharashtra News: महाराष्ट्र के निकाकेम केमिकल फैक्ट्री में गैस रिसाव से मची अफरा-तफरी

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
gas leak in Nikakem chemical factory

Maharashtra News: बीती रात महाराष्ट्र के अंबरनाथ स्थित एमआईडीसी परिसर में स्थित निकाकेम केमिकल फैक्ट्री से हुए गैस रिसाव के कारण पूरे शहर में दहशत फैल गई। गैस का धुआं पूरे इलाके में फैल गया, जिससे लोगों में आंखों में जलन, गले में खरास, और दम घुटने की शिकायतें बढ़ गई हैं। इस घटना ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं।

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गैस रिसाव से उत्पन्न हुआ संकट

रात करीब नौ से 12 बजे के बीच अंबरनाथ में केमिकल गैस के फैलने से धुंध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। यह गैस रेलवे ट्रैक तक पहुंच गई, लेकिन अभी तक किसी के घायल होने या मौत की खबर नहीं आई है। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। हालांकि, अगर गैस लीक का भयानक असर सामने आता है, तो लोगों को शहर से बाहर निकालना पड़ सकता है। इस बीच, अधिकारियों ने लोगों से अपने-अपने घरों में रहने की अपील की है।

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अधिकारियों ने की कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद प्रशासन हरकत में आया है। केमिकल फैक्ट्री की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन गैस लीक के स्रोत का पता अभी तक नहीं चल सका है। वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दो वायु निरीक्षण मोबाइल वैन इस बात की जांच कर रही हैं कि वायु प्रदूषण का कारण क्या है। फिलहाल, हवा साफ है और अंबरनाथ क्षेत्र में कहीं भी धुआं नहीं है। प्रदूषण बोर्ड का वायु गुणवत्ता नियंत्रण मोबाइल वाहन निकाकेम कंपनी में मौजूद है।

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भोपाल गैस त्रासदी की यादें ताजा

गैस रिसाव की इस घटना ने 2 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्ट्री से लीक हुई जहरीली गैस की त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं। उस घटना में 3,787 लोगों की जान चली गई थी और यह त्रासदी आज भी लोगों के जहन में गहरी छाप छोड़ती है। भोपाल गैस त्रासदी को 40 साल होने वाले हैं, लेकिन इसकी दहशत आज भी जीवित है। भले ही इस घटना में तत्काल कोई बड़ा नुक़सान नहीं हुआ, लेकिन इससे उत्पन्न स्थिति और उसके संभावित प्रभाव निश्चित रूप से चिंताजनक हैं। भोपाल गैस त्रासदी जैसी घटनाओं के संदर्भ में, यह घटनाक्रम हमें एक बार फिर याद दिलाता है कि औद्योगिक सुरक्षा के प्रति सतर्कता और समुचित प्रबंधन कितने महत्वपूर्ण हैं।

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