Maharashtra News: छत्रपति संभाजीनगर में मिड डे मील बिस्किट खाने से 181 छात्रों की बिगड़ी तबीयत

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
प्रतीकत्मक इमेज

Maharashtra News: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में मिड डे मील के बिस्किट खाने के बाद 181 स्कूली छात्रों की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से नौ छात्रों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें इलाज के लिए संभाजीनगर के सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। बिस्किट खाने के बाद छात्रों को मतली, उल्टी और अचानक बुखार की शिकायतें आईं। कुछ छात्रों की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें तत्काल एंबुलेंस के जरिए संभाजीनगर अस्पताल भेजा गया। अभी भी कुछ छात्रों की स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है।

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पूर्व में भी हो चुकी है ऐसी घटना

यह घटना महाराष्ट्र में फूड प्वाइजनिंग के हालिया मामलों की श्रृंखला में नवीनतम है। इससे पहले, पालघर जिले के आदिवासी आश्रम स्कूलों में भी इसी तरह की समस्या सामने आई थी। दहानू तालुका के 10 से अधिक आश्रम स्कूलों में 50 से अधिक छात्रों ने जहर मिले भोजन के सेवन के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की थी। डिप्टी कलेक्टर सुभाष भागाडे के अनुसार, छात्रों ने खाना खाने के कुछ घंटों बाद मतली, उल्टी और चक्कर की शिकायत की। इसके चलते उन्हें जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया था। 6 अगस्त की सुबह 3 बजे करीब 28 छात्राओं की तबीयत अचानक खराब हो गई और उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए ले जाया गया।

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प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया

मिड डे मील के बिस्किटों से हुए इस स्वास्थ्य संकट पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई की है। छात्रों को उपचार प्रदान करने के साथ-साथ मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है। यह घटना यह दर्शाती है कि खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता पर नजर रखने की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए मिड डे मील कार्यक्रमों में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी आवश्यक है।

पिछले कुछ वर्षों में खाद्य प्वाइजनिंग की घटनाएं बार-बार सामने आई हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन की प्रणाली में खामियों को उजागर करती हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी सुरक्षा उपायों और नियमित जांच की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि बच्चों को न केवल पोषणयुक्त भोजन मिले, बल्कि वह सुरक्षित भी हो। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहना होगा और सख्त कदम उठाने होंगे।

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