Maharashtra Election Trends 2024:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने राज्य की राजनीतिक दिशा को एक नया मोड़ दिया है। महायुति गठबंधन को 200 से अधिक सीटों पर जीत मिलती दिख रही है, जबकि महा विकास आघाड़ी (MVA) को 50 सीटों के आसपास ही सफलता मिलती नजर आ रही है। इस चुनाव परिणाम ने कई राजनीतिक विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया है। महायुति की बड़ी जीत के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से एक अहम कारण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ को बताया जा रहा है।
महिलाओं के लिए एक अहम कदम

माझी लाडकी बहीण योजना महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत राज्य की 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की सहायता राशि दी जाती है। यह राशि 21 से 65 साल की उम्र की महिलाओं को दी जाती है, जिससे उनका जीवनस्तर सुधारने में मदद मिलती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें अपनी ज़िंदगी बेहतर तरीके से जीने के लिए एक आर्थिक सहारा देना है।
महायुति का वादा

चुनाव प्रचार के दौरान महायुति गठबंधन ने यह वादा किया था कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो वे इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि को 1500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति महीने कर देंगे। यह वादा महिलाओं के बीच लोकप्रिय हुआ और उन्होंने इस वादे को लेकर महायुति गठबंधन को समर्थन दिया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके नेताओं ने बार-बार यह कहा कि उनकी सरकार महिलाओं की भलाई के लिए काम करेगी, और इस योजना का विस्तार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी पार्टी MVA पर निशाना साधते हुए कहा था, “MVA सरकार कह रही है कि यदि वे सत्ता में आए तो महिलाओं को दी जा रही इस योजना को बंद कर देंगे, क्योंकि राज्य का खजाना खाली है। लेकिन विपक्ष यह भूल रहा है कि यह खजाना जनता का है।” शिंदे का यह बयान महिलाओं के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है और यह संदेश देता है कि राज्य का खजाना जनता के विकास के लिए है, न कि केवल शासन करने वालों के लिए।
Read more :Maharashtra में नतीजों से पहले CM पद को लेकर MVA में मारामारी नाना पटोले के एक बयान से बढ़ी हलचल
योजना का राजनीतिक प्रभाव

महायुति गठबंधन की इस योजना ने चुनाव परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महिलाओं को मिलने वाली इस आर्थिक मदद ने महायुति के प्रति उनकी सहानुभूति बढ़ाई, जिससे वोटों के ध्रुवीकरण में मदद मिली। 1500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करने का वादा महिलाओं को आकर्षित करने में सफल रहा। यह योजना न केवल महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि चुनावी परिणामों में भी इसका बड़ा असर देखने को मिला।