MahaKumbh Traffic: प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण सीमाओं पर भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई रास्तों पर 100 किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिल रहा है, जिससे प्रयागराज की सीमाओं पर इमरजेंसी जैसी स्थिति बन गई है। इस बढ़ते दबाव को देखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघी पूर्णिमा के स्नान के लिए 12 फरवरी को यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।
12 फरवरी के माघी पूर्णिमा स्नान

12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के स्नान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ (Mahakumbh) में यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। मेला प्रशासन द्वारा 11 फरवरी, मंगलवार को सुबह 4 बजे से मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया जाएगा। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं के सुचारू स्नान और आवागमन को सुनिश्चित करना है। इस दौरान केवल आवश्यक और आकस्मिक सेवाओं के वाहनों को ही छूट दी जाएगी।
शहर और मेला क्षेत्र में वाहन प्रवेश पर प्रतिबंध

प्रयागराज शहर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को 11 फरवरी को सुबह 4 बजे के बाद मेला क्षेत्र के नजदीकी पार्किंग स्थलों पर ही पार्क किया जाएगा। श्रद्धालुओं को शटल बस या ऑटो रिक्शा के माध्यम से मेला क्षेत्र तक पहुंचने की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, 12 फरवरी को श्रद्धालुओं की मेला क्षेत्र से सुगम निकासी तक यह व्यवस्था जारी रहेगी। इस दौरान प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में किसी भी वाहन के प्रवेश और निकासी पर प्रतिबंध रहेगा।
श्रद्धालुओं के लिए पैदल यात्रा की संभावना

यदि आप 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा स्नान के लिए प्रयागराज जा रहे हैं, तो आपको मेला क्षेत्र तक पहुंचने के लिए 8 से 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ सकता है। बॉर्डर से शटल बस या ऑटो के माध्यम से शहर में प्रवेश किया जाएगा, लेकिन मेला क्षेत्र तक पैदल ही जाना होगा। इसलिए, यदि माघी पूर्णिमा स्नान के बाद भी यात्रा करना संभव हो तो आपको बेहतर अनुभव हो सकता है।
मेला प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था

इस तरह की व्यवस्था को लागू करके मेला प्रशासन श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन और स्नान के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने का प्रयास कर रहा है। यातायात की यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, ताकि महाकुंभ का यह अवसर सभी के लिए एक सुखद अनुभव बन सके। महाकुंभ (Mahakumbh) में इस तरह की व्यवस्था के कारण यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को पहले से सावधानियां बरतनी होगी और उन्हें मेला क्षेत्र पहुंचने के लिए अतिरिक्त समय की योजना बनानी होगी।