Mahakumbh 2025:महाकुंभ 2025 का आयोजन धार्मिक दृष्टि से एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति के लिए एक पवित्र अवसर माना जाता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु हर साल स्नान करने के लिए संगम तट पर पहुंचते हैं, जिससे उन्हें विश्वास होता है कि इससे उनकी आत्मा शुद्ध होती है और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। महाकुंभ 2025 में अभी शाही स्नान के चार महत्वपूर्ण अवसर बाकी हैं और यह आयोजन कब समाप्त होगा, आइए जानते हैं।
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महाकुंभ और शाही स्नान का महत्व
कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म का एक अहम हिस्सा है। इसे लेकर मान्यता है कि इस मेले में भाग लेने से व्यक्ति को न केवल शारीरिक शुद्धता मिलती है बल्कि वह अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुंभ मेले में स्नान करने से आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और यह भारतीय त्योहारों में से एक सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है।
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शाही स्नान की तिथियां
महाकुंभ 2025 में कुल 4 शाही स्नान होंगे, जो बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन स्नानों में विशेष रूप से साधु-संत और पवित्र स्थानों से आने वाले भक्त भाग लेते हैं। शाही स्नान के दौरान संगम तट पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं। इन स्नानों के दौरान विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते हैं और लाखों श्रद्धालु इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए पहुंचते हैं।
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महाकुंभ 2025 में शाही स्नान की प्रमुख तिथियाँ इस प्रकार
मौनी अमावस्या स्नान (29 जनवरी 2025)
मौनी अमावस्या पर इस बार कई शुभ योग बन रहा है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर इस बार त्रिवेणी योग सहित कई शुभ योग बनने से मौनी अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ गया है।
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महाशिवरात्रि (25 फरवरी 2025)
महाशिवरात्रि के दिन भी महाकुंभ में विशेष शाही स्नान होता है, जहां शिव भक्तों का एक बड़ा समुदाय स्नान करने के लिए संगम तट पर पहुंचता है।
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राम नवमी (25 मार्च 2025)
राम नवमी के दिन भी कुंभ मेले में शाही स्नान किया जाएगा। यह दिन भगवान राम के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और इस दिन संगम तट पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
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अक्षय तृतीया (10 मई 2025)
अक्षय तृतीया का स्नान महाकुंभ का अंतिम शाही स्नान होता है, जो एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन को भी पुण्य प्राप्ति और शुद्धता के दिन के रूप में मनाया जाता है।
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महाकुंभ 2025 का समापन
महाकुंभ 2025 का समापन 10 मई 2025 को अक्षय तृतीया के दिन होगा। यह दिन महाकुंभ का अंतिम शाही स्नान होगा और उसके बाद कुंभ मेला समाप्त हो जाएगा। इस दिन के बाद संगम तट पर श्रद्धालुओं का आगमन कम हो जाएगा, और धार्मिक अनुष्ठान का समापन हो जाएगा।महाकुंभ 2025 का आयोजन एक ऐतिहासिक और धार्मिक घटना है, जिसमें विश्वभर से लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। यह अवसर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक है।