Mahakumbh 2025: प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेला 2025 में श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है, न केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी लोग यहां स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। मंगलवार, 4 फरवरी को भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक ने भी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण अवसर पर उनका स्वागत किया।
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अरेल घाट पर भूटान नरेश ने लगाई डुबकी

बताते चले कि, भूटान के नरेश ने संगम के प्रसिद्ध अरेल घाट पर पवित्र स्नान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूटान के नरेश की स्नान करते हुए तस्वीरें अपने ट्विटर हैंडल से साझा कीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। भूटान के राजा विशेष विमान से सुबह 10 बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से अरेल घाट पहुंचाया गया। इस विशेष यात्रा के दौरान भूटान के नरेश का मार्गदर्शन और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई थी।
हनुमान मंदिर के किए दर्शन

महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद भूटान के नरेश और यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूजा का आयोजन किया। इसके बाद दोनों प्रमुख व्यक्तित्व अक्षयवट और लेटे हनुमान मंदिर के दर्शन करने गए। इस धार्मिक यात्रा का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं के साथ एकता को प्रोत्साहित करना था। यात्रा के बाद भूटान नरेश और सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर 2:30 बजे प्रयागराज से रवाना हो गए।
77 देशों के प्रतिनिधियों ने भी लिया महाकुंभ में स्नान
महाकुंभ मेला में भूटान के नरेश के अलावा, तीन दिन पहले, 1 फरवरी को 77 देशों के 118 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी संगम में पवित्र डुबकी लगाई थी। इस प्रतिनिधिमंडल में कई देशों के राजनयिक और उनके परिवार भी शामिल थे। महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले देशों में रूस, मलेशिया, बोलीविया, जिम्बाब्वे, लातविया, उरुग्वे, नीदरलैंड, मंगोलिया, इटली, जापान, जर्मनी, जमैका, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, पोलैंड, कैमरून, यूक्रेन, स्लोवेनिया और अर्जेंटीना जैसे देशों के राजनयिक शामिल थे।
यूपी सरकार द्वारा किए गए प्रबंधों की सराहना

महाकुंभ में श्रद्धालुओं और विदेशी प्रतिनिधिमंडल के लिए किए गए प्रबंधों की यूपी सरकार ने सराहना की है। सरकार ने एक बयान में कहा कि इन प्रतिनिधियों ने यात्रा के लिए किए गए प्रबंधों पर अपनी खुशी जाहिर की और महाकुंभ में अपनी उपस्थिति को एक ऐतिहासिक अनुभव बताया। इस अवसर पर भारत के आस्था और संस्कृति के महत्व को दुनिया भर के प्रतिनिधियों द्वारा सराहा गया। महाकुंभ 2025 एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया है, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु आस्था के साथ एकजुट हो रहे हैं और महाकुंभ की दिव्यता में शामिल हो रहे हैं।
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