Mahakumbh 2025: महाकुंभ के मौके पर प्रयागराज में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर संगम तट पर पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। 10 फरवरी तक लगभग 44.74 करोड़ लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महाकुंभ के इस विशेष अवसर पर अभी दो और बड़े स्नान होने बाकी हैं, जिनमें पहला माघ पूर्णिमा पर और दूसरा महाशिवरात्रि पर होगा। माघ पूर्णिमा का स्नान 12 फरवरी को होने वाला है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर है।
माघ पूर्णिमा का महत्व और तिथि

बताते चले कि माघ पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से पवित्र माना जाता है, और यह दिन संगम तट पर स्नान करने के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। हिंदू धर्म में यह विश्वास किया जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन संगम में डुबकी लगाने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की तिथि 11 फरवरी की शाम 06:55 बजे से आरंभ होकर 12 फरवरी की शाम 07:22 बजे तक रहेगी। इस तिथि का महत्व अधिक है, क्योंकि उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा का पर्व 12 फरवरी को मनाया जाएगा।
माघ पूर्णिमा स्नान का शुभ मुहूर्त

महाकुंभ को एक पवित्र अवसर माना जाता है, और इस दौरान हर दिन स्नान करना महत्वपूर्ण होता है। हालांकि, कुछ विशेष समय और मुहूर्त को अधिक महत्व दिया जाता है। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन स्नान करने के लिए शुभ समय सुबह 05:19 बजे से 06:10 बजे तक रहेगा।
इस समय के दौरान स्नान करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, अमृत काल 05:55 बजे से 07:35 बजे तक रहेगा, जो विशेष रूप से पुण्यदायक होता है। साथ ही, विजय मुहूर्त दोपहर 2:27 बजे से 3:11 बजे तक रहेगा। इस दौरान भी स्नान किया जा सकता है, लेकिन हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को सबसे अधिक शुभ माना जाता है, और इस समय स्नान और दान करना सर्वोत्तम होता है।
मोक्ष की होगी प्राप्ति

माघ पूर्णिमा का दिन महाकुंभ के अवसर पर विशेष रूप से पवित्र होता है। इस दिन संगम तट पर स्नान करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। श्रद्धालुओं को इस दिन विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान करने की सलाह दी जाती है, जिससे उन्हें अधिक पुण्य की प्राप्ति हो।