Shrikant Shinde in Ujjain: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde ) का विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के गर्भगृह में प्रवेश करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यह विवाद इसलिए उठा है क्योंकि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर करीब एक साल से प्रतिबंध है, जबकि श्रीकांत शिंदे ने अपनी पत्नी और अन्य दो लोगों के साथ गर्भगृह में प्रवेश किया। इस विशेषाधिकार से न केवल आम श्रद्धालु बल्कि विपक्षी पार्टियां भी भड़क गई हैं।
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वीआईपी के लिए अलग नियम, आम श्रद्धालुओं में आक्रोश
आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश न मिलने से पहले से ही नाराज लोग अब वीआईपी (VIP) को मिली इस छूट पर सवाल खड़े कर रहे हैं। श्रद्धालु जहां 50 फीट की दूरी से बाबा महाकाल के दर्शन करने को मजबूर हैं, वहीं सांसद शिंदे ने सीधे गर्भगृह से पूजा-अर्चना की। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने इस पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आम श्रद्धालु घंटों कतार में खड़े रहकर दर्शन करते हैं, जबकि वीआईपी लोगों को विशेषाधिकार के तहत गर्भगृह में प्रवेश दे दिया जाता है। परमार ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए कहा, “यह भेदभावपूर्ण व्यवस्था है और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।” इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है, क्योंकि कांग्रेस ने इसे लेकर बीजेपी पर भी निशाना साधा है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
उज्जैन के जिला कलेक्टर और श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “किसी को भी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है। मैंने इस मामले में तत्काल जांच के आदेश दिए हैं और मंदिर प्रशासक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।” मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने पुष्टि की कि जांच शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही गर्भगृह के प्रवेश की निगरानी करने वाले अधिकारियों और निरीक्षकों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने की बात कही गई है।
वीडियो वायरल होते ही मचा हंगामा
श्रीकांत शिंदे के गर्भगृह में प्रवेश का वीडियो वायरल (Video viral) होने के बाद यह मामला चर्चा में आया। वीडियो में शिंदे अपनी पत्नी और अन्य लोगों के साथ गर्भगृह में पूजा करते दिखाई दे रहे हैं। यह घटना उस समय और विवादास्पद हो गई जब आम जनता ने इस विशेषाधिकार पर सवाल उठाए। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि शिंदे को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह जांच का विषय है कि सांसद शिंदे और उनके परिवार को गर्भगृह में कैसे प्रवेश मिला। इस पर विस्तृत जांच की जाएगी।
महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्था पर उठे सवाल
महाकालेश्वर मंदिर की दर्शन व्यवस्था पर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। आम श्रद्धालु और वीआईपी के लिए अलग-अलग नियमों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। आम श्रद्धालुओं को जहां दूर से ही बाबा महाकाल के दर्शन करने पड़ते हैं, वहीं वीआईपी लोगों को गर्भगृह में जाकर दर्शन की विशेष सुविधा दी जाती है। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह व्यवस्था अनुचित है और इसमें बदलाव होना चाहिए। श्री महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन संबंधी नियमों को लेकर विरोध पहले भी हो चुका है, लेकिन इस ताजा घटना ने फिर से इस मुद्दे को गर्म कर दिया है।
एक ओर जहां आम जनता इस भेदभावपूर्ण व्यवस्था से नाराज है, वहीं विपक्षी पार्टियां इसे राजनीतिक हथियार बना रही हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोला है, वहीं बीजेपी की ओर से इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। अब देखना यह होगा कि इस विवाद के बाद महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्था में कोई बदलाव होता है या फिर यह मामला भी राजनीतिक बहसों में उलझकर रह जाता है।
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