प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की जांच के तहत 388 करोड़ रुपये की नई संपत्ति कुर्क की है। यह कार्रवाई शनिवार को की गई, और अब तक यह मामला एक बड़ा रूप ले चुका है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों के कथित रूप से शामिल होने का आरोप है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने यह जांच शुरू की थी, क्योंकि इस नेटवर्क द्वारा अवैध रूप से बड़े पैमाने पर सट्टा चलाया जा रहा था और यह धन शोधन का एक प्रमुख स्रोत बन चुका था।
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क्या कहना है प्रवर्तन निदेशालय का..
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जानकारी देते हुए बताया कि… इनमें चल संपत्तियां भी शामिल हैं। एजेंसी के बयान की बात करें तो… इन संपत्तियों में मॉरीशस स्थित कंपनी तानो इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज फंड की संपत्तियां, इएफपीआई (एफoreign Portfolio Investment) और एफडीआई (Foreign Direct Investment) के माध्यम से दुबई स्थित हवाला ऑपरेटर हरि शंकर टिबरेवाल से संबंधित निवेश शामिल हैं।
धन शोधन के आरोपों की जांच तेजी से होगी
इस मामले में छत्तीसगढ़ के उच्च पदस्थ राजनेताओं और अधिकारियों के शामिल होने का आरोप है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने हवाला (जो की गैरकानूनी वित्तीय लेन-देन को संदर्भित करता है) और धन शोधन के आरोपों की जांच तेज कर दी है, और यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की जा रही है जो इस बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे।यह मामला न केवल सट्टेबाजी और हवाला से जुड़े वित्तीय अपराधों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे विभिन्न देशों में अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है और उसे वैध रूप में दिखाने के लिए किस तरह से जटिल नेटवर्क्स का इस्तेमाल किया जाता है।
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किन किन राज्यों पर होगी कार्रवाई
छत्तीसगढ़, मुंबई और मध्य प्रदेश में कई सट्टेबाजी एप और वेबसाइटों के प्रमोटरों, पैनल ऑपरेटरों और उनके सहयोगियों के नाम पर भी संपत्तियां मौजूद हैं, जिन पर कार्रवाई की जा रही है। यह भी बताया गया कि हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल कर सट्टेबाजी से जुड़े अवैध धन को इन देशों में भेजा जा रहा था और फिर उसे विभिन्न कंपनियों और संपत्तियों के रूप में छिपाया जा रहा था।
ईडी ने आदेश किये जारी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 5 दिसंबर को एक अनंतिम आदेश जारी किया था, जिसके तहत 387.99 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। एजेंसी ने इस मामले में हरि शंकर टिबरेवाल से पूछताछ जारी रखी है, जो कथित रूप से हवाला ऑपरेटर है और इस सट्टेबाजी सिंडिकेट से जुड़े हुए हैं।अब तक, ईडी ने इस मामले में कई आदेश जारी किए हैं, और नवीनतम आदेश के साथ, 2,295.61 करोड़ रुपये की संपत्ति या तो फ्रीज, कुर्क या जब्त कर ली गई है। यह आंकड़ा इस मामले की गंभीरता और प्रवर्तन निदेशालय की कड़ी कार्रवाई को दर्शाता है।
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बड़े नेताओं और अधिकारियों की भागीदारी
इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 4 आरोपपत्र दायर किए गए हैं। एजेंसी ने पहले भी दावा किया था कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग (MOB) एप और गेमिंग एप की जांच में छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेताओं और अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है। इस एप के दो मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल भी छत्तीसगढ़ से हैं, और इन दोनों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
ऑनलाइन सट्टेबाजी और धन शोधन के खिलाफ कठोर कदम
ईडी के अनुसार, महादेव ऑनलाइन बेटिंग (MOB) एक बड़ा अवैध सट्टेबाजी और धन शोधन सिंडिकेट है, जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के माध्यम से धन शोधन करने में सक्षम बनाता है। इस तरह, यह सिंडिकेट सट्टेबाजी वेबसाइटों पर किए गए लेन-देन को एक जटिल तरीके से छिपाता है और गैरकानूनी गतिविधियों को वैध रूप में दिखाने की कोशिश करता है।इस पूरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय की कड़ी कार्रवाई यह संकेत देती है कि भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और धन शोधन के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, उच्च पदस्थ अधिकारियों और नेताओं की संलिप्तता से यह मामला और भी जटिल हो गया है, जिससे जांच की दिशा और गहरी हो गई है।