Maha Kumbh 2025:महाकुंभ 2025 के दौरान त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए भारतीय रेलवे ने अभूतपूर्व व्यवस्था की। कुल 370 ट्रेनें संचालित की गईं, जिनमें हर चार मिनट पर एक ट्रेन का संचालन हुआ, ताकि लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से यात्रा करवाई जा सके। इसके साथ ही रेलवे ने ट्रैक को खाली रखने और परिचालन में किसी भी तरह की बाधा से बचने के लिए 58 लंबी दूरी की ट्रेनों को रद्द भी कर दिया था।
रद्द की गईं प्रमुख ट्रेनें
महाकुंभ के दौरान, कुछ प्रमुख ट्रेनों को रद्द किया गया, जिसमें अयोध्या कैंट से प्रयागराज के बीच चलने वाली विशेष ट्रेन, वंदे भारत शिवगंगा और चौरीचौरा एक्सप्रेस शामिल हैं। इन ट्रेनों के रद्द होने से श्रद्धालुओं को कुछ असुविधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन रेलवे ने मेला क्षेत्र में अधिक ट्रेनें चलाकर स्थिति को संभालने का प्रयास किया।
विशेष और दैनिक ट्रेनों का संचालन
रेलवे ने 150 मेला विशेष ट्रेनों को शाम सात बजे तक चलाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही 130 दैनिक ट्रेनों का भी संचालन किया गया। इस दौरान आठ प्रमुख रेलवे स्टेशनों से इन ट्रेनों का संचालन किया गया। उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की गई।
प्रमुख स्टेशन और ट्रेन संचालन
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन, छिवकी, नैनी जंक्शन और सूबेदारगंज से कुल 100 मेला विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इसके अलावा उत्तर रेलवे के प्रयाग स्टेशन से 19, फाफामऊ स्टेशन से तीन विशेष ट्रेनें चलाई गईं। पूर्वोत्तर रेलवे के रामबाग स्टेशन से सात और झूंसी स्टेशन से 21 विशेष ट्रेनें संचालित की गईं।
विशेष गाड़ियों और रिंग रेल की व्यवस्था
रेलवे ने विभिन्न प्रकार की अतिरिक्त गाड़ियों का संचालन भी किया। इसमें पांच विस्तारित गाड़ियां, पांच रिंग रेल, तीन लंबी दूरी की ट्रेनें और 69 गैर टाइम टेबल ट्रेनें शामिल थीं। इस व्यापक योजना से रेलवे ने श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अवसर प्रदान किया।
रेलवे की चुनौतीपूर्ण भूमिका
महाकुंभ के दौरान रेलवे का यह बड़ा कदम साबित हुआ, क्योंकि लाखों श्रद्धालु हर साल त्रिवेणी संगम पर पहुंचने के लिए विभिन्न स्थानों से यात्रा करते हैं। रेलवे ने ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर और कुछ प्रमुख ट्रेनों को रद्द करके यात्रा को सुचारू रूप से चलाया। यह व्यवस्था न केवल यात्रियों के लिए राहतकारी थी, बल्कि यात्री सुरक्षा और समय पर यात्रा सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक थी।