Maha Kumbh 2025:प्रयागराज के महाकुंभ में इन दिनों लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है, वहीं इस महाकुंभ में आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बी.टेक करने वाले अभय सिंह उर्फ आईआईटियन बाबा का नाम भी सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आ चुका था। हालाँकि, अब उनके बारे में एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें जूना अखाड़ा के शिविर से बाहर निकाल दिया गया है। यह कार्रवाई शनिवार रात को की गई और इसके पीछे का कारण उनकी गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग करना बताया जा रहा है।
जूना अखाड़े का बयान
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जूना अखाड़े ने इस मामले में स्पष्ट बयान दिया है कि अनुशासन और गुरु के प्रति सम्मान सर्वोपरि होता है। अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने कहा कि यदि कोई संन्यासी अपने गुरु का अपमान करता है, तो वह सनातन धर्म और अखाड़े के प्रति अपनी निष्ठा का उल्लंघन करता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी संन्यासी को गुरु के प्रति अपमानजनक व्यवहार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह गुरु-शिष्य परंपरा के खिलाफ है। जूना अखाड़े ने यह कदम अभय सिंह के रवैये के कारण उठाया, जिससे गुरु के प्रति सम्मान का उल्लंघन हुआ।
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आईआईटी से संन्यास तक का सफर
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आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, अभय सिंह ने संन्यास का मार्ग अपनाया और महाकुंभ में आईआईटियन बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनके इस परिवर्तन को लेकर कई लोग हैरान थे। महाकुंभ में उनकी मौजूदगी और मीडिया में वायरल होने के बाद वह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए थे। हालांकि, जूना अखाड़े से निष्कासन के बाद अब वह दूसरे संतों के शिविर में शरण लेने पहुंचे हैं।
अभय सिंह का विवाद
अभय सिंह के खिलाफ इस कार्रवाई ने महाकुंभ में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। उनके खिलाफ गुरु के अपमान के आरोप में हुई कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि संन्यासी जीवन में अनुशासन और गुरु का सम्मान कितने महत्वपूर्ण हैं। इस घटनाक्रम ने न केवल महाकुंभ बल्कि पूरे समाज में संन्यास के प्रति आदर्शों और नीतियों को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि आईआईटियन बाबा का भविष्य क्या होता है और वह आगे किस रास्ते पर चलते हैं।