Magh Purnima 2025: माघी पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, माघी पूर्णिमा का स्नान कल्पवासियों के लिए खास होता है, क्योंकि यह उनके कल्पवास के समापन का दिन होता है। कल्पवासी इस दिन पवित्र संगम में स्नान करने के बाद अपने-अपने घरों की ओर लौटते हैं।
इस दिन प्रयागराज और अन्य तीर्थ स्थलों पर लाखों लोग एकत्र होते हैं। साथ ही, यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी पूरी गृहस्थी लेकर मेला क्षेत्र में आते हैं और फिर श्रद्धा भाव से अपने गंतव्य की ओर लौटते हैं। इस दिन क्राउड और ट्रैफिक मैनेजमेंट की कड़ी व्यवस्था की जाती है ताकि इस विशाल भीड़ का सही तरीके से संचालन हो सके।
माघी पूर्णिमा पर नया ट्रैफिक प्लान और प्रशासनिक व्यवस्थाएं

माघी पूर्णिमा के दिन हर वर्ष होने वाली भारी भीड़ और जाम की समस्या को देखते हुए प्रशासन ने इस साल नया ट्रैफिक प्लान लागू किया है। 12 फरवरी तक पूरे शहर को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिसका उद्देश्य जाम की स्थिति से बचना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में जाम की समस्या उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। इस बार मेला क्षेत्र ही नहीं, पूरे शहर में वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है, और कल्पवासियों के वाहनों को मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन का यह कदम शहर की व्यवस्था को सुचारु रखने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।
माघी पूर्णिमा का धार्मिक महत्व और पूजा-अर्चना

माघी पूर्णिमा का पर्व हिंदू धर्म में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। संगम में स्नान करने के साथ-साथ लोग दान-पुण्य भी करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह दिन भगवान विष्णु की आराधना का दिन होता है। इस दिन व्रत रखने और धार्मिक अनुष्ठान करने से विशेष लाभ मिलता है।
माघी पूर्णिमा का शुभ समय

माघी पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना सबसे शुभ माना जाता है। इस समय स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस दिन व्रत रखने और धार्मिक अनुष्ठान करने का भी विशेष महत्व है। माघी पूर्णिमा का पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान और सत्यानारायण पूजा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है। श्रद्धालु इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और फिर भगवान विष्णु की पूजा करके अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं।
माघी पूर्णिमा का संकल्प और सामाजिक महत्व
माघी पूर्णिमा का पर्व केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि यह सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग अपने कृत्यों को शुद्ध करने के लिए न केवल स्नान करते हैं, बल्कि समाज के कल्याण के लिए दान भी करते हैं। यह दिन व्यक्ति के आत्मिक उन्नति का भी प्रतीक है, जब वह अपने पापों से मुक्त होकर एक नए आस्थावान जीवन की ओर बढ़ता है।
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