Lucknow News: लखनऊ में 30 घंटे के अंदर ही दो अवैध इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के गोदामों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। सैरपुर इलाके में परसों देर रात करीब साढ़े तीन बजे ग्रेट ईस्टर्न कंपनी के गोदाम में आग भड़क उठी। गोदाम में रखे फ्रिज और एसी के कंप्रेसरों के फटने से आग ने विकराल रूप ले लिया। धमाकों की वजह से पास के मकानों में दरारें आ गईं, और पड़ोसियों के बीच दहशत फैल गई। करीब पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया।
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शॉर्ट सर्किट से लगी आग
इस भीषण आग का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। गोदाम में फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी और कूलर जैसे कीमती इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखे हुए थे। कोलकाता निवासी पुलकित वैद्य ने भिठौली क्रॉसिंग के पास इस गोदाम को किराए पर लिया था, जिसे गोदाम के इंचार्ज दीपेश श्रीवास्तव संभालते थे। मंगलवार रात गोदाम में माल भरा गया था, और बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे जब कर्मचारी गोदाम पहुंचे, तो कुछ ही मिनटों के भीतर शटर खोलते समय आग भड़क उठी।
आग के बाद मची अफरातफरी
आग की लपटें और धुआं देख आसपास के लोग तुरंत हरकत में आए। पड़ोसियों ने तुरंत दमकल विभाग और मड़ियांव पुलिस को सूचित किया। आग बुझाने के लिए कर्मचारियों ने भी प्रयास किया, लेकिन तेजी से फैलती लपटों ने उन्हें विफल कर दिया। इस बीच, बीकेटी के फायर सेफ्टी ऑफिसर प्रशांत कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने के लिए जूझने लगे। गोदाम दीवारों से घिरा हुआ था, जिससे आग बुझाने में मुश्किलें आ रही थीं। आग को नियंत्रित करने के लिए जेसीबी की मदद से दीवारें तोड़ी गईं, ताकि दमकलकर्मी अंदर पहुंच सकें।
कंप्रेसर फटने से धमाकों के बीच भड़की आग
दमकलकर्मी आग बुझाने का काम कर ही रहे थे कि एक के बाद एक एसी और फ्रिज के कंप्रेसर फटने लगे। इस वजह से आग और भीषण हो गई। धमाके इतने तेज थे कि गोदाम के पास स्थित घर में दरारें पड़ गईं। इसके अलावा, आसपास के मकानों में रहने वाले लोग भी दहशत में आ गए। आग की विकरालता को देखते हुए सरोजनीनगर और एयरफोर्स स्टेशन से भी अतिरिक्त दमकल गाड़ियां बुलानी पड़ीं। कुल 15 दमकल गाड़ियों और 50 से अधिक दमकल कर्मियों ने आग बुझाने का काम किया।
फायर एनओसी न होने से बढ़ी मुश्किलें
आग लगने की इस घटना में एक और गंभीर चूक सामने आई। गोदाम में अग्नि सुरक्षा उपकरण तो मौजूद थे, लेकिन फायर एनओसी नहीं थी। सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है और आगे आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। गोदाम के इंचार्ज दीपेश के अनुसार, इस भीषण आग में करीब 50 करोड़ रुपये का माल जलकर राख हो गया है। घटना की जानकारी गोदाम मालिक पुलकित वैद्य को भी दे दी गई है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
गोदाम के पास रहने वाले रवि मिश्रा के अनुसार, इस गोदाम में आठ साल पहले भी इसी तरह की आग लगी थी। इलाके के लोगों ने कई बार प्रशासन से इस गोदाम को बंद कराने की मांग की थी, क्योंकि यह गोदाम रिहायशी इलाके में स्थित है और इससे स्थानीय लोगों को हमेशा खतरा रहता है।
गोदाम के मालिकों में दिखी तकरार
घटना के बाद गोदाम के मालिकों में तकरार भी देखने को मिली। गोदाम को किराए पर लेने वाले पुलकित वैद्य ने यह गोदाम मोहित और नितिन भार्गव से लिया था। घटना के बाद दोनों भाइयों में तनातनी हो गई और वे एक-दूसरे को गोदाम का मालिक बताने लगे। इस अग्निकांड से इलाके में काफी नुकसान हुआ है। आग इतनी भीषण थी कि पांच किलोमीटर दूर से धुएं का गुबार दिखाई दे रहा था। घटनास्थल पर धुएं की घुटन से सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। इस हादसे ने एक बार फिर से अवैध गोदामों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां फायर एनओसी जैसी महत्वपूर्ण चीजों की अनदेखी की जाती है।