Lucknow News: लखनऊ में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर आक्रोशित महिलाएं गुरुवार को चारबाग की सड़कों पर उतर आईं। प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा और प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी के नेतृत्व में निकाले गए इस आक्रोश मार्च में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। यह मार्च महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और सरकार की निष्क्रियता के विरोध में आयोजित किया गया था। महिलाओं का काफिला जैसे ही केकेसी कॉलेज के पास पहुंचा, पुलिस प्रशासन ने मार्च को वहीं रोक दिया। इस पर महिला समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
Read more: UP News: सुल्तानपुर रोड पर पर जमा हुए सैकड़ों किसान, सीएम आवास की ओर कर रहें कूच
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल, सरकार पर गंभीर आरोप
आक्रोशित महिलाओं का नेतृत्व कर रही प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि सरकारी आंकड़े ही इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले से रोजाना महिलाओं के साथ बलात्कार, हत्या, अपहरण और लूटपाट की खबरें आती हैं, लेकिन इन घटनाओं में महिलाओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है। कुसुम वर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को सिर्फ महिलाओं के वोट चाहिए, लेकिन उनके सम्मान, सुरक्षा और न्याय की उन्हें कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को बुलडोजर और ‘ठोक दो’ की राजनीति से ज्यादा संविधान के आधार पर न्याय की जरूरत है।
‘नफ़रत और हिंसा की राजनीति’ पर किया तीखा हमला
प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में नफ़रत और हिंसा की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बहराइच, वाराणसी और मथुरा की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटनाएं दर्शाती हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अधिकारी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और न्याय की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, बल्कि महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार महिलाओं की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन महिलाएं अब चुप नहीं बैठेंगी।
Read more: Bangladesh: शेख हसीना की पार्टी के छात्र संगठन पर पर लगा बैन,एंटी टेररिज्म एक्ट के तहत हुई कार्रवाई
प्रमुख महिला नेताओं ने की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की अपील
मार्च में कई प्रमुख महिला नेताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें ऐपवा की उपाध्यक्ष आरती राय, रेखा पासवान, जिला सह सचिव गीता पांडे, माला, कमला गौतम, सरोजिनी बिष्ट, कबूतरा देवी, जीरा भारती, संगीता, विद्या रजवार, अंजली आदि प्रमुख नाम शामिल थे। इन नेताओं ने महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की और योगी सरकार से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार महिलाओं को न्याय नहीं दे सकती, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।
Read more: Agra News: अजीब बात है! अब आगरा एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की मिली धमकी
नारेबाजी से गूंजा लखनऊ
इस आक्रोश मार्च में लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवरिया, सीतापुर, लखीमपुरखीरी, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बलिया समेत कई जिलों से बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। इन महिलाओं ने एकजुट होकर योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और महिला हिंसा पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर गंभीर नहीं है, और इसे लेकर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है।
Read more: Jammu and Kashmir: बारामूला के कोर्ट परिसर में फटा ग्रेनेड, पुलिस का एक जवान घायल
लड़ाई जारी रखने का लिया संकल्प
आक्रोश मार्च में शामिल महिलाओं ने कहा कि वे तब तक संघर्ष करती रहेंगी जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं सुना, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ने के लिए तैयार हैं। इस मार्च ने साफ संदेश दिया कि महिलाएं अब चुप बैठने वाली नहीं हैं, और वे अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।