Lucknow Crime: गाजीपुर में मंगलवार देर रात एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने अपने चाचा की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। गोली सिर को चीरते हुए दीवार में जा धंसी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि, आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है और पुलिस को घटनास्थल से किसी भी प्रकार का कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है।
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नशे का आदी था छात्र
गाजीपुर जिले के निवासी शैलेंद्र कुमार सिंह व्यापारी हैं और उनका बेटा प्रत्यूष राज सिंह उर्फ आयुष (19) देहरादून में हॉस्टल में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। प्रत्यूष नशे का आदी था, जिसके चलते उसके चाचा सत्येंद्र सिंह ने एक महीने पहले उसे अपने घर गाजीपुर के हरियरनगर बुलाकर ले आये और उसका इलाज कराने का फैसला किया था। तब से प्रत्यूष अपने चाचा के घर ही रह रहा था।
चाचा के पिस्टल से की आत्महत्या
मंगलवार की रात सत्येंद्र सिंह अपने परिवार के साथ बगल के कमरे में सो रहे थे जबकि प्रत्यूष अपने कमरे में था। देर रात प्रत्यूष ने अपने चाचा की लाइसेंसी पिस्टल से कनपटी पर गोली मार ली। गोली सिर के पिछले हिस्से को भेदते हुए दीवार में जा धंसी। सुबह सात बजे जब सत्येंद्र की आंख खुली, तो उन्होंने देखा कि प्रत्यूष के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से झांकने पर प्रत्यूष लहूलुहान हालत में फर्श पर पड़ा मिला।
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पुलिस को नहीं मिला सुसाइड नोट
घटना की सूचना मिलते ही गाजीपुर पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। इंस्पेक्टर गाजीपुर विकास राय ने बताया कि घटना की सूचना मृतक के माता-पिता को दे दी गई है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
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परिवार में शोक की लहर
प्रत्यूष की आत्महत्या ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है। चाचा सत्येंद्र सिंह के मुताबिक, उनके कमरे में कूलर चल रहा था, इसलिए उन्हें गोली की आवाज सुनाई नहीं दी। प्रत्यूष के आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह घटना कई सवाल खड़े कर रही है।
इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया है। नशे की लत और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर समाज को अधिक संवेदनशील और जागरूक होने की जरूरत है। युवाओं को समय पर सही मार्गदर्शन और सहयोग मिलना चाहिए ताकि वे इस तरह के खतरनाक कदम न उठाएं। इसके अलावा, लाइसेंसी हथियारों की सुरक्षा और उनके सही उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी जरूरी है। पुलिस को आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच करनी चाहिए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
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