Lucknow Metro News: लखनऊ मेट्रो (Lucknow) के प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (चारबाग से वसंतकुंज) की डीपीआर को मंजूरी की राह में एक महत्वपूर्ण बाधा खत्म हो गई है। पिछले करीब सात साल से इस कॉरिडोर पर काम शुरू ही नहीं हो पाया था, क्योंकि डीपीआर को मंजूरी नहीं मिली थी। अब यह बाधा दूर हो गई है, और आने वाले दिनों में इस कॉरिडोर पर मेट्रो का काम शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। इस परियोजना को 9 जुलाई को दिल्ली में हुई नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) की बैठक में मंजूरी मिल गई है। राज्य सरकार की तरफ से इस परियोजना को इसी साल मार्च में अनुमोदन मिल चुका था। दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की अध्यक्षता में एनपीजी की बैठक हुई, जिसमें परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई।
Read more: NEET 2024 SC Hearing: NEET पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज टली सुनवाई, जानिए अब कब होगी?
चारबाग से वसंतकुंज तक 12 स्टेशन
चारबाग से वसंतकुंज के बीच कुल 12 मेट्रो स्टेशन होंगे। प्रधानमंत्री गति शक्ति (PMG) नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल का उपयोग करते हुए विभिन्न यूटिलिटी (जैसे वाटर पाइप लाइन, ट्रांसमिशन लाइन, सीवर लाइन, रेलवे लाइन, पुरातत्व विभाग से संबंधित इमारत या स्मारक, बस स्टैंड, मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी) पर चर्चा की गई। इस दौरान यह पाया गया कि मेट्रो निर्माण के लिए किसी भी प्रकार की बाधा नहीं है।
Read more: World Population Day 2024:ऐसे कई देश हैं जहां की जनसंख्या है बहुत अधिक, चीन दूसरे पर तो पहले पर कौन?
पीएम गति शक्ति पोर्टल की भूमिका
पीएम गति शक्ति पोर्टल के जरिए मेट्रो निर्माण के लिए स्थलीय परीक्षण से पहले निर्माण के रास्ते में आने वाली विभिन्न यूटिलिटी की जानकारी मिल जाती है। इससे योजना बनाने में समय की बहुत बचत होती है। एनपीजी की बैठक में परियोजना से संबंधित विभागों (केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास, रक्षा, रेलवे, पर्यावरण एवं वन विभाग, वित्त) के प्रतिनिधि शामिल थे।
Read more: Haryana में INLD-BSP गठबंधन: तीसरी बार साथ आए अभय चौटाला और मायावती
पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की अगली मंजूरी
एनपीजी की मंजूरी के बाद अगला प्रमुख चरण पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड का होगा, जिसमें परियोजना की मंजूरी के बाद केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से डीपीआर को हरी झंडी मिलनी होगी। चारबाग से वसंतकुंज तक प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिसमें 4.286 किलोमीटर एलिवेटेड और 6.879 किलोमीटर भूमिगत होंगे।
Read more: Prashant Kishor Party: बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव, प्रशांत किशोर ने किया नई पार्टी का एलान
बड़े लाभ की उम्मीद
शहर की बड़ी आबादी को इस कॉरिडोर से बड़ी राहत मिलेगी। इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें सात भूमिगत और पांच एलिवेटेड होंगे। इस परियोजना के पूरा होने का अनुमानित समय पांच साल और लागत 5081 करोड़ रुपए है। यह कॉरिडोर मौजूदा नार्थ-साउथ कॉरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा, जो इंटरचेंज स्टेशन के रूप में काम करेगा।
प्रस्तावित स्टेशन
- चारबाग (भूमिगत)
- गौतम बुद्ध नगर (भूमिगत)
- अमीनाबाद (भूमिगत)
- पांडेयगंज (भूमिगत)
- सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत)
- मेडिकल चौराहा (भूमिगत)
- चौक (भूमिगत)
- ठाकुरगंज (एलिवेटेड)
- बालागंज (एलिवेटेड)
- सरफराजगंज (एलिवेटेड)
- मूसाबाग (एलिवेटेड)
- वसंतकुंज (एलिवेटेड)
पुराने लखनऊ को मिलेगी कनेक्टिविटी
चारबाग से वसंतकुंज तक का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पुराने लखनऊ के प्रमुख स्थानों जैसे अमीनाबाद और चौक को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह मार्ग अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को भी जोड़ेगा, जिससे शहरवासियों को सुविधा मिलेगी। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि मेट्रो के इस कॉरिडोर को एनपीजी से मिली मंजूरी बड़ी उपलब्धि है।
Read more: Giriraj Singh ने की जनसंख्या नियंत्रण की मांग, बोलें-पालन न करने पर छीन ले मतदान का अधिकार
लखनऊ में मेट्रो की यात्रा
लखनऊ मेट्रो का निर्माण 27 सितंबर 2014 को ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन तक 8.5 किमी के साथ शुरू हुआ था। 5 सितंबर 2017 को इस रूट पर पहली बार मेट्रो चली थी। बाद में चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मेट्रो स्टेशन से मुंशी पुलिया तक रेड लाइन पर 9 मार्च 2019 को मेट्रो चली थी। वर्तमान में लखनऊ मेट्रो 22 स्टेशनों के साथ 22.87 किमी की दूरी तय करती है। लखनऊ मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की मंजूरी के बाद शहरवासियों को एक और राहत मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल शहर की कनेक्टिविटी में सुधार करेगी, बल्कि यातायात के दबाव को भी कम करेगी। अब देखना है कि इस परियोजना पर कब से काम शुरू होता है और कब तक यह पूरी होती है।