Lucknow Police Encounter: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में एक बड़ा एनकाउंटर हुआ, जिसमें हत्या और बलात्कार के प्रयास के आरोपी अजय द्विवेदी को पुलिस ने मार गिराया। यह मुठभेड़ तब हुई, जब पुलिस ने उसे घेर लिया था और आरोपी ने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में अजय को गोली लगी और इलाज के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
महिला की हत्या और अजय का आपराधिक इतिहास
कुछ दिन पहले, लखनऊ के मलिहाबाद इलाके में एक महिला का शव मिला था। महिला अपने भाई के घर लखनऊ आ रही थी, लेकिन रास्ते में उसे ऑटो चालक अजय द्विवेदी ने जबरदस्ती अपने वाहन में बैठा लिया। बाद में अजय ने महिला के साथ बलात्कार की कोशिश की और विरोध करने पर उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी अजय पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, क्योंकि अजय का आपराधिक इतिहास भी बहुत लंबा था।

अजय पर 23 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने कई बार कोशिश की, लेकिन वह लगातार फरार था। पुलिस को पता चला कि वह मलिहाबाद के एक इलाके में छिपा हुआ है, जिसके बाद पुलिस ने वहां छापा मारा। जब पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
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अजय और उसके भाई दिनेश का आपराधिक इतिहास

अजय के साथ उसका भाई दिनेश भी अपराधी था। दिनेश पर भी कई आपराधिक मामले थे और उसने पुलिस से बचने के लिए अजय के साथ मिलकर कई बार अपराध किए थे। पुलिस ने दिनेश को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, और उसने पुलिस को बताया कि अजय ने महिला को मारने से पहले उसे जबरदस्ती किया था।
घटना के बाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई

पुलिस की तत्परता के कारण ही यह मुठभेड़ संभव हो पाई। अजय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उसकी गिरफ्तारी के लिए कई दिन से पुलिस उसके पीछे थी, और उसकी गिरफ्तारी से पहले ही उसने महिला को मौत के घाट उतार दिया था।इस मुठभेड़ ने यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी अपराधी को बख्शने के मूड में नहीं है। पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ जो कड़ी कार्रवाई की, वह समाज में एक सकारात्मक संदेश दे रही है। यह कार्रवाई यह दिखाती है कि पुलिस अपराधियों के खिलाफ सख्ती से पेश आती है और अपराध को किसी भी हाल में बढ़ावा नहीं देती।