Lucknow: साइबर ठगों ने मरीन इंजीनियर से 84 लाख की ठगी, मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर किया डिजिटल अरेस्ट

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Cyber ​​​​thugs cheated

Lucknow News: डिजिटल स्कैम (Digital Scam) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन लोग साइबर ठगों के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गवां रहे हैं। पुलिस और प्रशासन इन ठगों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद साइबर अपराधों में कोई खास कमी नहीं आ रही है। लखनऊ (Lucknow) से भी ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मरीन इंजीनियर को डिजिटल ठगी का शिकार बनाया गया और उससे 84 लाख रुपये की ठगी की गई।

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क्या है मामला?

यह घटना लखनऊ के हजरतगंज (Hazratganj) इलाके से सामने आई है, जहां एक मरीन इंजीनियर ए.के. सिंह को साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने का दावा करते हुए उनसे 84 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने उन्हें 48 घंटे तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोपों में उलझाकर उनका मानसिक शोषण किया। इस दौरान, ठगों ने इंजीनियर का ब्रेनवॉश करके उन्हें अपनी जाल में फंसा लिया और 11 अलग-अलग खातों से 84 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पीड़ित ए.के. सिंह ने इस घटना की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी

साइबर ठगों ने मरीन इंजीनियर को नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें धमकाया। ठगों ने कहा कि उनका बैंक खाता इस केस में जांच के दायरे में है और अगर वह अपनी बेगुनाही साबित करना चाहते हैं, तो उन्हें एक विशेष प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस पूरी योजना के तहत ठगों ने ए.के. सिंह से 84 लाख रुपये वसूल लिए।

डिजिटल अरेस्ट से थे अनजान

मरीन इंजीनियर का परिवार पूरी तरह से इस 48 घंटे के डिजिटल अरेस्ट से अनजान था। यह ठगी तब हुई जब ए.के. सिंह किसी जरूरी काम से दिल्ली गए हुए थे। उन्हें एक फोन आया, जिसमें कॉलर ने खुद को ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी बताया। कॉलर ने कहा कि उनके फोन नंबर से आपत्तिजनक मैसेज भेजा गया है और इसके चलते उनका नंबर बंद किया जाएगा। इसके बाद कॉलर ने उन्हें मुंबई के अंधेरी ईस्ट पुलिस थाने में सब-इंस्पेक्टर प्रदीप सावंत से बात करने की सलाह दी।

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ठगी का शिकार कैसे बने मरीन इंजीनियर?

कॉल करने वाले ने ए.के. सिंह को कहा कि अगर वे चाहते हैं कि उनका नंबर बंद न हो, तो उन्हें प्रदीप सावंत से बात करनी होगी। ठगों ने सिंह को इस तरह मानसिक रूप से भ्रमित किया कि वे खुद को मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में फंसते हुए महसूस करने लगे। इस दौरान ठगों ने ए.के. सिंह का विश्वास जीतते हुए उनसे पैसे ट्रांसफर करवाए।

साइबर क्राइम पुलिस की कार्रवाई

मामले की शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध फोन कॉल या मैसेज से सतर्क रहें और तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस का कहना है कि साइबर ठग नए-नए तरीके अपना रहे हैं, और डिजिटल सुरक्षा को लेकर जागरूक रहना बेहद जरूरी है।

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