Lucknow: लोकसभा में अनुराग ठाकुर के दिए गए बयान पर भड़के कांग्रेसी, अनुराग ठाकुर का फूंका पुतला

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
अनुराग ठाकुर का फूंका पुतला

Lucknow News: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर के बीच सदन में जाति को लेकर हुए विवाद ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। इस विवाद पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्ताधारी पार्टी पर जोरदार हमला बोला। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी भारी विरोध देखा गया। लखनऊ (Lucknow) के साथ-साथ नोएडा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेता अनुराग ठाकुर का पुतला जलाने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने विफल कर दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अनुराग ठाकुर पर ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंप दिया है।

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राजधानी में प्रदर्शन

राजधानी लखऊ में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अनुराग ठाकुर का पुतला जलाया और जमकर नारेबाजी की। मॉल एवेन्यू स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और प्रदर्शन करते हुए मुख्य सड़क की ओर बढ़े। पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ताओं ने बैरीकेड फांदने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया।

राहुल गांधी पर टिप्पणी की निंदा

प्रदर्शनकारियों ने राहुल गांधी पर अनुराग ठाकुर की टिप्पणी को निंदनीय बताया और उनसे सार्वजनिक माफी की मांग की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि जब तक अनुराग ठाकुर माफी नहीं मांगते, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि भाजपा हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है और अनुराग ठाकुर की टिप्पणी इसी राजनीति का एक हिस्सा है।

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अखिलेश यादव का बयान

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा जाति और धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है, जिससे देश का माहौल बिगड़ रहा है। अखिलेश ने कहा कि ऐसे बयान देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाते हैं और इसे सहन नहीं किया जा सकता।

इस विवाद ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय राजनीति में जाति और धर्म का मुद्दा कितना संवेदनशील है। ऐसे बयान न केवल व्यक्तिगत तौर पर अपमानजनक होते हैं, बल्कि समाज में विभाजन को भी बढ़ावा देते हैं। नेताओं को अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए, ताकि वे नफरत और विभाजन को बढ़ावा न दें। लोकतंत्र में स्वस्थ बहस और संवाद की आवश्यकता है, न कि व्यक्तिगत हमलों और जातिगत टिप्पणी की।

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