Lucknow Book Fair: ‘काकोरी घटनाक्रम’ पर आधारित 21वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला शुरू, इतने प्रतिशत तक का मिलेगा डिस्काउंट

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Book Fair

Lucknow Book Fair: लखनऊ में बलरामपुर गार्डन, अशोक मार्ग पर आयोजित होने वाला 21वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला (21st National Book Fair) आज से प्रारंभ हो गया है। यह मेला इस वर्ष ‘काकोरी घटनाक्रम’ की थीम पर आधारित है और केटी फाउंडेशन तथा फोर्स वन बुक्स के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया जा रहा है। मेला छह अक्टूबर तक चलेगा और हर दिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक पुस्तक प्रेमियों के लिए खुला रहेगा। सबसे खास बात यह है कि मेले में प्रवेश निःशुल्क है और पुस्तक प्रेमियों को यहां पर सभी पुस्तकों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट भी मिलेगी।

इस पुस्तक मेले का उद्घाटन आज शाम 5 बजे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) द्वारा किया जाएगा। लखनऊ का यह पुस्तक मेला देश के प्रतिष्ठित पुस्तक मेलों में से एक है और इस बार भी इसके प्रति लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।

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150 से अधिक स्टाल्स, प्रतिष्ठित प्रकाशकों की भागीदारी

मेले में देशभर के लगभग 150 प्रकाशकों और वितरकों के स्टाल्स लगाए गए हैं, जहां पर विविध प्रकार की पुस्तकों का प्रदर्शन और बिक्री की जाएगी। 15 हजार वर्ग फीट का वाटरप्रूफ जर्मन हैंगर विशेष रूप से पुस्तक प्रदर्शनी के लिए तैयार किया गया है। दिल्ली के प्रसिद्ध राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, प्रभात प्रकाशन, राजपाल एंड संस, सस्ता साहित्य मंडल, सेतु प्रकाशन, सम्यक प्रकाशन सहित कई अन्य प्रमुख प्रकाशक भी मेले में भाग ले रहे हैं। इनके अलावा मुम्बई से जय बुक, जयपुर से श्रीधुप्तेश्वर, अहमदाबाद से विधि बुक्स, पटना से मेहता बुक, नोएडा से हिन्द युग्म और आगरा से निखिल पब्लिशर्स भी अपने पुस्तकों के स्टाल के साथ इस मेले में मौजूद रहेंगे।

उत्तर प्रदेश के प्रमुख संस्थानों की भागीदारी

इस बार मेले में उत्तर प्रदेश के कई स्थानीय प्रकाशकों और साहित्यिक संस्थानों की भागीदारी भी विशेष रूप से देखने को मिल रही है। इनमें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, बोधरस प्रकाशन, दलित साहित्य, दिव्यांश पब्लिकेशंस और रामकृष्ण मठ योगदा सत्संग प्रमुख रूप से शामिल हैं। मेले में पहली बार गोरखपुर का प्रसिद्ध गीता प्रेस भी अपने शताब्दी वर्ष के बाद हिस्सा ले रहा है। दिल्ली का अनबॉउंड स्क्रिप्ट और वर्धमान बुक, इंदौर का फ्लाइड्रीम पब्लिकेशंस और गुरुग्राम का शुभी प्रकाशन जैसे नए प्रकाशक भी इस बार अपने अनूठे साहित्यिक उत्पादों के साथ मेले में शामिल हुए हैं।

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कविता, मुशायरा और बच्चों के कार्यक्रम बनेंगे आकर्षण

पुस्तक मेले में सिर्फ किताबों की बिक्री ही नहीं, बल्कि विविध प्रकार के सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। इनमें कविता पाठ, मुशायरा, लेखक-से-भेंट, पुस्तक विमोचन, और बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन प्रमुख आकर्षण रहेंगे। ये आयोजन साहित्य प्रेमियों को लेखकों और साहित्यकारों से मिलाने और उनकी रचनाओं को गहराई से समझने का अवसर प्रदान करेंगे।

लखनऊ पुस्तक मेले का विशेष स्थान

लखनऊ का यह राष्ट्रीय पुस्तक मेला देश के प्रमुख पुस्तक मेलों में अपनी विशेष पहचान बना चुका है। हर साल यहां विभिन्न आयु वर्ग के लोग, विशेष रूप से छात्र, शोधकर्ता और साहित्य प्रेमी भारी संख्या में आते हैं। इस बार की थीम ‘काकोरी घटनाक्रम’ है, जो स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटना पर आधारित है। इससे मेले में ऐतिहासिकता और राष्ट्रप्रेम की भावना का भी समावेश हो रहा है।

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शानदार साहित्यिक अनुभव का अवसर

21वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला लखनऊ में साहित्य प्रेमियों के लिए एक शानदार अवसर लेकर आया है। यहां विभिन्न प्रकार की पुस्तकों के साथ-साथ साहित्यकारों से मिलने और उन्हें सुनने का मौका मिलेगा। इस पुस्तक मेले में भाग लेने वाले सभी लोग अपने साहित्यिक अनुभव को समृद्ध कर सकते हैं और नई रचनाओं से परिचित हो सकते हैं। अगर आप लखनऊ में हैं, तो इस मेले का हिस्सा बनना न भूलें। यहां न सिर्फ आपको किताबों की विशाल दुनिया देखने को मिलेगी, बल्कि साहित्यिक कार्यक्रमों का आनंद भी मिलेगा।

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