Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा स्पीकर (Lok Sabha Speaker) पद को लेकर सहमति न बन पाने के बाद विपक्ष ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. विपक्ष की ओर से के.सुरेश को स्पीकर पद का उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, एनडीए (NDA) की ओर से ओम बिरला ने स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है.लोकसभा स्पीकर का चुनाव बुधवार को होना है एनडीए के साथ सहमति न बन पाने के कारण विपक्ष ने भी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार दिया है.हालांकि अब तक कई मौकों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष की आपसी सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होता आया है लेकिन इस बार ये परंपरा टूटती नजर आ रही है।
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राजनाथ सिंह ने खरगे से की फोन पर बात
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इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से फोन पर बात की थी और स्पीकर पद पर समर्थन मांगा था. राहुल गांधी ने बताया कि,विपक्ष स्पीकर पोस्ट पर समर्थन देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष को डिप्टी स्पीकर पोस्ट मिलनी चाहिए. हालांकि, इस पर राजनाथ सिंह की ओर से कोई जवाब नहीं मिला. राहुल गांधी ने यह भी बताया कि राजनाथ सिंह का मल्लिकार्जुन खरगे को फोन आया था और उन्होंने स्पीकर पद के लिए समर्थन मांगा था.
पूरे विपक्ष ने स्पष्ट किया है कि वे स्पीकर को समर्थन देंगे, लेकिन डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को मिलना चाहिए. राहुल गांधी ने कहा, “राजनाथ सिंह ने कहा था कि मल्लिकार्जुन खरगे को कॉल रिटर्न करेंगे लेकिन उन्होंने कॉल रिटर्न नहीं किया. पीएम मोदी सहयोग की बात कर रहे हैं लेकिन हमारे नेता का अपमान हो रहा है. सरकार की नीयत साफ नहीं है.”
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कौन हैं के.सुरेश ?
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कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, जब राजनाथ सिंह ने खरगे से बात की थी तब सरकार की ओर से किसी का नाम सामने नहीं रखा गया था. के.सुरेश, जो कि 8 बार के सांसद हैं, विपक्ष के उम्मीदवार होंगे. वे 1989, 1991, 1996, 1999, 2009, 2014, 2019 और 2024 में सांसद चुने गए थे. के सुरेश केरल की मावेलिक्कारा सीट से कांग्रेस सांसद हैं और केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. सबसे अनुभवी सांसद होने के बावजूद उन्हें प्रोटेम स्पीकर नहीं चुने जाने पर विपक्ष ने विरोध जताया था. के सुरेश 1989 में पहली बार सांसद चुने गए थे और 2009 में वे कांग्रेस संसदीय दल के सचिव बने. मनमोहन सिंह सरकार में के. सुरेश अक्टूबर 2012 से 2014 तक केंद्र में मंत्री रहे.
आगे क्या होगा?
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आपको बता दें कि,लोकसभा स्पीकर (Lok Sabha Speaker) का चुनाव बुधवार को होगा और इस बार स्पीकर पद के लिए मुकाबला देखने लायक होगा. अब देखना होगा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर क्या सहमति बनती है या फिर ये टकरार देखने को मिलती है. बताते चलें कि, 24 जून को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ था..तब ऐसा माना जा रहा था कि सत्तापक्ष और विपक्ष में इस बार घमासान देखने को जरूर मिलेगा. हालांकि, लोकसभा स्पीकर पद पर ही ये देखने को मिल जाएगा, ये शायद ही किसी ने सोचा होगा. खास बात ये है कि लोकसभा के रण में दोनों ओर की सेनाएं तैयार हैं.
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NDA Vs INDIA
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दरअसल, बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) की ओर से ओम बिरला ने नामांकन किया है. वे पिछले सत्र में भी लोकसभा अध्यक्ष थे. इस बार भी जब उनका नामंकन हुआ.. तो पूरा एनडीए (NDA) खेमा एकजुट दिखा. ओम बिरला के पक्ष में प्रस्ताव पत्र पर हस्ताक्षर के दौरान अमित शाह, जेपी नड्डा समेत बीजेपी के दिग्गज नेता मौजूद रहे. उधर विपक्ष की ओर से स्पीकर पद के उम्मीदवार के सुरेश के नामांकन में मोर्चा कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने संभाला. डी राजा भी इस मौके पर मौजूद रहे.