लोकसभा चुनाव: 2024 से पहले विपक्ष की लामबंदी, क्या पहुंचेगी बीजेपी को चोट?

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra
लोकसभा चुनाव
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Input- SHAHBAZ
लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कल यानि 23 जून 2023 को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने जा रही है, इस बैठक को आम चुनाव से पहले काफी अहम माना जा रहा है। पिछले कई महीनों से इस बैठक के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गंभीर दिखाई दे रहे थे, नीतीश कुमार लगातार अलग-अलग राज्यों के विपक्षी मुख्यमंत्रियों और बड़े दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करके सबको एक मंच पर लाने की कवायद में जुटे हुए थे।

पहले ये बैठक 13 जून को होनी थी लेकिन विपक्ष में सबसे अहम भूमिका निभा रही कांग्रेस ने इस बैठक में आने के लिए वक्त नहीं दिया था जिसके चलते इस बैठक को आगे बढ़ाया गया था और अब फिलहाल ये बैठक होने जा रही है और इस बैठक को लोकसभा चुनाव से पहले काफी अहम माना जा रहा है, बीजेपी भले ही इस बैठक को हल्के में ले रही लेकिन कहीं न कहीं उसकी भी निगाहें इस बैठक पर पूरी तरह से टिकी हुई हैं।

लोकसभा का वार, विपक्ष का चक्रव्यूह तैयार!

देश में आम चुनाव की दस्तक सुनाई देने लगी है, बैठक से पहले सभी दल एकजुटता का संदेश देकर बीजेपी को सत्ता से सिंहासन से उतारना चाहते हैं। लेकिन विपक्ष की राह आसान नज़र आ नहीं रही है एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समर्थन देने से पहले केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ सीटों के बंटवारे को लेकर यूपी के मुख्य विपक्षी दल के नेता अखिलेश यादव भी दूसरे दलों से दिल बड़ा करने की बात कर रहे हैं।

अखिलेश का संदेश साफ है कि अगर यूपी में कोई गठबंधन बनेगा तो उसके अगुआकार वहीं रहेंगे ऐसे में क्या कांग्रेस अपना दिल छोटा करके गठबंधन का हिस्सा बनेगी ये देखने वाली बात होगी।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कसा तंज

विपक्ष की होने वाली बैठक में सभी दलों ने यूपी से बसपा और AIMIM को दरकिनार कर दिया है ऐसे में कल होने वाली इस बैठक से पहले बसपा सुप्रीमो ने तंज कसते हए विपक्षी एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बसा सुप्रीमो ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘यूपी में लोकसभा की 80 सीट चुनावी सफलता की कुंजी कहलाती है, किन्तु विपक्षी पार्टियों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहाँ अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर व सही मायने में चिन्तित हैं।

बिना सही प्राथमिकताओं के साथ यहाँ लोकसभा चुनाव की तैयारी क्या वाकई जरूरी बदलाव ला पाएगी’? अब ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या विपक्ष मायावती के बगैर यूपी में बीजेपी को चोट पहुंचा पाएगी या फिर नहीं ये तो आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजो के बाद पता चल पाएगा।

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