Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग जोर-शोर से चल रही थी 16 अक्टूबर को उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जिसके अगले दिन 17 अक्टूबर को एक कैबिनेट बैठक हुई इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी (Deputy Chief Minister Surendra Choudhary), मंत्री सकीना मसूद,जावेद अहमद राणा,जाविद अहमद डार और सतीश शर्मा भी उपस्थित रहें थे।
J&K को पूर्ण राज्य देने के प्रस्ताव को LG की मंजूरी
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव आज उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला की मौजूदगी में कैबिनेट ने पूर्ण राज्य का प्रस्ताव पास किया था। वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने उमर अब्दुल्ला कैबिनेट के इस फैसले को लेकर कहा कि,हमारे लिए यह बड़ा झटका है उन्हें अनुच्छेज 370 की बहाली पर फैसला करना चाहिए थे लेकिन अब्दुल्ला सरकार के पूर्ण राज्य की बहाली के प्रस्ताव पर हमको झटका लगा है।
केंद्र सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
आपको बता दें कि,उमर अब्दुल्ला सरकार के जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के प्रस्ताव को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दे दी है इसके बाद अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा आगे इस पर फैसला केंद्र सरकार लेगी क्योंकि पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव की प्रक्रिया केंद्र सरकार कर सकती है।
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केंद्र सरकार करेगी पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव!
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था ऐसे में अब पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए केंद्र सरकार को संसद में एक कानून पारित कर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव करना होगा अधिनियम में यह बदलाव संविधान के अनुच्छेद 3 और 4 के तहत किए जाने हैं।
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केंद्र सरकार ने 2019 में पूर्ण राज्य का दर्जा किया था समाप्त
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की अपनी मांग को लेकर उमर अब्दुल्ला अगले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और उन्हें प्रस्ताव सौंप कर जानकारी देंगे।5 अगस्त 2019 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया था जिसका तमाम विपक्षी दलों ने खूब विरोध किया था इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था और दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बांट दिया था।