कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जरूरी तत्व है, लेकिन अगर इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है- HDL (High-Density Lipoprotein) और LDL (Low-Density Lipoprotein)। LDL को ‘बुरा’ कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, क्योंकि यह खून में जमकर धमनियों में अवरोध बना सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
LDL कोलेस्ट्रॉल क्या है?
LDL कोलेस्ट्रॉल शरीर में रक्त प्रवाह के माध्यम से कोशिकाओं तक फैला होता है। जब इसका स्तर बढ़ जाता है, तो यह धमनियों की दीवारों पर जमने लगता है, जिसे ‘अथेरोस्क्लेरोसिस’ कहा जाता है। इससे रक्त संचार में रुकावट होती है, जिससे दिल और अन्य अंगों तक रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है।

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LDL कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के संकेत
अगर आपका LDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है, तो यह कई खतरनाक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसे पहचानने के लिए कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं, जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है…
सीने में दर्द (Angina): अगर आपको सीने में तेज दर्द या दबाव महसूस होता है, तो यह LDL कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर शारीरिक प्रयास या तनाव के बाद होता है, जब रक्त प्रवाह में रुकावट आ जाती है। अगर इसे समय रहते न पहचाना जाए, तो यह दिल के दौरे का कारण बन सकता है।
शारीरिक थकान और कमजोरी: जब दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। आप सामान्य गतिविधियों को भी करने में असमर्थ हो सकते हैं, क्योंकि शरीर को ऊर्जा का सही रूप से वितरण नहीं हो पाता।

सांस लेने में दिक्कत: जब रक्त संचार में रुकावट आती है, तो दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। यह एक गंभीर संकेत है जो बढ़े हुए LDL कोलेस्ट्रॉल के कारण हो सकता है।
हाथों और पैरों में सुन्न होना: जब धमनियों में अवरोध बढ़ता है, तो शरीर के विभिन्न हिस्सों, जैसे हाथों और पैरों में सुन्न होने या झुनझुनी की समस्या हो सकती है। यह भी एक संकेत हो सकता है कि रक्त प्रवाह में रुकावट आ रही है, जिससे अंगों तक रक्त का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पा रहा।
पैरों में दर्द और सूजन: अगर आपको पैरों में लगातार दर्द या सूजन महसूस हो, तो यह भी LDL कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत हो सकता है। यह तब होता है जब रक्त वाहिकाओं में अवरोध के कारण पैरों में रक्त का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता।
गति और संतुलन की समस्या: अगर LDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो यह मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता है, जिससे संतुलन की समस्या, चक्कर आना और असामान्य गति महसूस हो सकती है।
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LDL कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के कारण
LDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं…
अस्वास्थ्यकर आहार: अधिक वसा, खासकर ट्रांस फैट और संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से LDL का स्तर बढ़ सकता है।
कम शारीरिक गतिविधि: शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना भी LDL को बढ़ा सकता है। नियमित व्यायाम से शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) की मात्रा बढ़ती है, जो LDL को कम करने में मदद करता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने से LDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है।
वजन बढ़ना: अधिक वजन या मोटापा भी LDL को बढ़ाने का एक प्रमुख कारण हो सकता है। मोटापे के कारण शरीर में चर्बी का स्तर बढ़ जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल के असंतुलन का कारण बनता है।
परिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी को दिल की बीमारी या उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो आपको भी इससे प्रभावित होने का खतरा हो सकता है।
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LDL कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के उपाय
LDL कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए कुछ प्रमुख उपाय किए जा सकते हैं….
स्वस्थ आहार अपनाएं: फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं। ट्रांस फैट और संतृप्त वसा से बचें।
नियमित व्यायाम करें: हर दिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें, जैसे चलना, दौड़ना या साइकिल चलाना। इससे LDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर बढ़ता है।
धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन कम करें: धूम्रपान छोड़ने और शराब की मात्रा कम करने से दिल की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है और LDL को नियंत्रित किया जा सकता है।
वजन कम करें: अगर आपका वजन ज्यादा है, तो उसे नियंत्रित करने के लिए आहार और व्यायाम पर ध्यान दें। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बेहतर रहता है।
डॉक्टर की सलाह लें: अगर आपके पास परिवार में कोलेस्ट्रॉल का इतिहास है, तो नियमित रूप से कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं। डॉक्टर की सलाह पर दवाइयों का सेवन करें, यदि आवश्यक हो।