Himachal में भूस्खलन और मानसून की विदाई, Bihar में बाढ़ का कहर…Nepal में अलर्ट जारी

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Weather News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी हो चुकी है, लेकिन मंगलवार की देर रात मनाली जिले के धुंधी इलाके में भारी भूस्खलन हुआ. जिसके चलते मनाली-लेह मार्ग लगभग 12 घंटे तक बंद रहा. भारी मलबा और चट्टानें सड़क पर गिर गईं, इसकी वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग भी बीच रास्ते में फंस गए. पुलिस ने वाहनों को रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass) के रास्ते से आगे भेजा. बीआरओ ने बुधवार को दोपहर लगभग 12:30 बजे मार्ग को एकतरफा यातायात के लिए खोल दिया.

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नेरीपुल-सोलन मार्ग बंद

बताते चले कि सिरमौर जिले के राजगढ़ क्षेत्र में भी एक ट्राले के सड़क से फिसलने के कारण नेरीपुल-सोलन मार्ग बंद हो गया था, जिसे बुधवार दोपहर बहाल कर दिया गया. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में इस वर्ष मानसून ने सामान्य से 18% कम बारिश की. 27 जून से 2 अक्तूबर तक मानसून सक्रिय रहा और सामान्य से अधिक बारिश केवल सितंबर में दर्ज की गई. बाकी महीनों में बादल कम बरसे. कुल मिलाकर इस साल प्रदेश में 600.9 मिलीमीटर बारिश हुई, जो पिछले 124 सालों में 97वीं सबसे अधिक बारिश थी. 1922 में सबसे अधिक 1314.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. 15 नवंबर से सर्दी का मौसम शुरू होने की संभावना है.

बिहार में बाढ़ की गंभीर स्थिति

वहीं, बिहार (Bihar) में इस समय बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है. नेपाल (Nepal) में मूसलाधार बारिश के कारण बिहार के सीमांचल क्षेत्र के दर्जनभर जिले और सैकड़ों गांव पानी में डूबे हुए हैं. नेपाल से बहकर आने वाली कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और बागमती नदियों के उफान से राज्य में जलप्रलय का माहौल बना हुआ है. खासतौर पर कोसी और गंडक नदियों का कहर अधिक देखने को मिल रहा है. नेपाल की सात नदियां कोसी में मिलती हैं, जिससे कोसी नदी का जलस्तर बढ़कर विनाशकारी स्थिति में पहुंच जाता है. इसीलिए इसे ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है.

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12 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, राज्य के 12 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और लगभग 10 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, जिसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 16 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 14 टीमें शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस, वन विभाग और फायर ब्रिगेड की टीमें भी मदद में लगी हुई हैं. अब तक 2 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 60,000 से ज्यादा लोगों को विभिन्न राहत शिविरों में रखा गया है.

नेपाल में भी भारी बारिश

नेपाल में भी भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने स्थिति को गंभीर बना दिया है. बुधवार तक वहां 240 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 6 लोग केवल बुधवार को मारे गए. नेपाल सरकार ने कोसी और बागमती प्रांतों के साथ काठमांडू में भी भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है.

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