राम मंदिर की छत से पानी टपकने के दावे पर Lalu Yadav की प्रतिक्रिया आई सामने

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
Lalu Prasad Yadav

Lalu Prasad Yadav: पिछले कई दिनों से बारिश के मौसम में अयोध्या के राम मंदिर की छत से पानी टपकने को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. विपक्षी लगातार इसको लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है. राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने आरोप लगाते हुए कहा था कि शनिवार आधी रात को बारिश के चलते गर्भगृह में मंदिर की छत से पानी टपक रहा है. रविवार की सुबह फर्श पर पानी भर गया था, जिसे काफी मशक्कत के बाद मंदिर परिसर से निकाला गया. इस पर अब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है.

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लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

बताते चले कि इस मामले पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. शुक्रवार (28 जून) को एक्स पर लालू प्रसाद यादव ने लिखा, “धर्माचार्यों ने मना किया था लेकिन एक व्यक्ति ने अपने प्रचार-प्रसार एवं चुनावी लाभ के लिए आनन-फानन में अयोध्या में मंदिर का उद्घाटन किया. अब मंदिर के मुख्य पुजारी कह रहे हैं कि जहां रामलला विराजमान हैं, वहां पहली ही बारिश में छत से पानी टपकने लगा है, मंदिर में बारिश का पानी भर गया. साथ ही बाकी जगहों पर भी पानी टपक रहा है. इसकी जांच होनी चाहिए.”

‘अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की दीवार गिर गई’

लालू ने आगे कहा, “रामपथ में सीवर धंस गए. अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की दीवार गिर गई. मंदिर के मुख्य पुजारी ने मंदिर के निर्माण कार्य पर कहा कि जुलाई 2025 में भी काम का पूरा होना असंभव है, लेकिन उद्घाटन तो 2 साल पहले ही कर दिया. अयोध्या वाले सच जानते हैं इसलिए उन्होंने लोगों की भावनाओं का दोहन करने वालों को कड़ा सबक सिखा दिया. मीडिया के लोग क्या अब भी वहां उछल-कूद करने जाएंगे?”

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चंपत राय ने जारी किया था बयान

आपको बता दे कि बीते दिनों श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर में पानी टपकने के आरोपों पर बयान जारी किया था. उन्होंने कहा, “गर्भगृह जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है. ना ही कहीं से पानी गर्भगृह में प्रवेश हुआ है.”चंपतराय के अनुसार, पत्थरों से बनने वाले मंदिर में पीवीसी इलेक्ट्रिक कंड्युट पाइप एवं जंक्शन बाक्स का कार्य पत्थर की छत के ऊपर होता है. इसको छत में छेद करके नीचे उतारा जाता है, जिससे मंदिर के भूतल की छत की लाइटिंग होती है.

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