Kunal Kamra row: स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुंबई की खार पुलिस ने उन्हें तीसरा समन भेजा है और शनिवार को पूछताछ के लिए हाजिर होने के लिए कहा है। इससे पहले भी पुलिस ने उन्हें दो समन जारी किए थे, लेकिन वह हर बार पुलिस के सामने पेश होने में असफल रहे हैं। 27 मार्च को पुलिस ने उन्हें समन भेजकर 31 मार्च को पूछताछ के लिए खार पुलिस स्टेशन में हाजिर होने का निर्देश दिया था, लेकिन कुणाल कामरा समय पर नहीं पहुंचे। पुलिस के अनुसार, कुणाल कामरा अभी तक वकील के जरिए भी उनके संपर्क में नहीं आए हैं।
Read More:Kunal Kamra Row: विवादित बयान पर मुंबई पुलिस कुणाल कामरा के घर पहुंची, नया वीडियो आया सामने
पुलिस ने पहला समन किया जारी
इससे पहले, 25 मार्च को पुलिस ने पहला समन जारी किया था और कामरा से पूछा था कि वह पुलिस के सामने कब पेश होंगे। तब कामरा ने 2 अप्रैल तक का समय मांगा था, लेकिन पुलिस ने इस समय को अस्वीकार कर दिया और 27 मार्च को दूसरा समन जारी करते हुए 31 मार्च को खार पुलिस स्टेशन में हाजिर होने का आदेश दिया। हालांकि, कामरा फिर से नहीं आए। कुणाल कामरा ने अपनी स्थिति को लेकर एक बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह फिलहाल मुंबई से बाहर हैं और पुलिस के सामने पेश होने के लिए उन्हें एक सप्ताह का समय चाहिए। इस बयान के बावजूद, पुलिस ने उन्हें समय देने से इनकार कर दिया और उन्हें बार-बार समन भेजा।
शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने किया तोड़फोड़
इस विवाद से जुड़ा मामला तब सुर्खियों में आया जब 23 मार्च को शिवसेना कार्यकर्ताओं ने उस स्टूडियो में तोड़फोड़ की थी, जहां कामरा का शो रिकॉर्ड किया जा रहा था। कामरा पर आरोप था कि उन्होंने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। वह अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए शिंदे पर निशाना साध रहे थे और उनका मजाक उड़ाने के लिए एक पैरोडी सॉन्ग भी अपलोड किया था, जिसमें “गद्दार” शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया पर किया निंदा
कुणाल कामरा ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में हैबिटेट क्लब में हुई तोड़फोड़ की निंदा की और साफ तौर पर कहा कि वह अपनी टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उनके इस बयान के बाद मामला और भी गर्म हो गया।
कामरा ने जताई अपनी सुरक्षा
कामरा ने अपने सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई थी और बताया था कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। इसके बाद, तमिलनाडु में अपने निवास का हवाला देते हुए उन्होंने अंतरराज्यीय जमानत मांगी थी, जिसे मद्रास हाई कोर्ट ने एक अप्रैल को अंतरिम अग्रिम जमानत के तौर पर मंजूरी दी थी। अदालत ने उन्हें शर्तों के साथ 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत दी है।