Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या कांड (Kolkata Rape Murder Case) की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। कोलकाता का आरजी कर मेडिकल कॉलेज इस समय न केवल देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियों में है। 9 अगस्त को यहां 31 वर्षीय महिला डॉक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है। इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज ने इसे आत्महत्या बताने का प्रयास किया, लेकिन जब मामला गहराया और महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप के बाद हत्या की आशंका जताई गई, तो पूरे देश के डॉक्टर सड़कों पर उतर आए और न्याय की मांग करने लगे।
सौमित्र केस: आज तक अनसुलझा रहस्य
यह पहली बार नहीं है जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में इस तरह की घटना हुई है। इससे पहले भी कई बार यहां ऐसे मामले सामने आए, लेकिन उन्हें हमेशा दबा दिया गया। मौजूदा घटना ने लोगों को 24 साल पहले हुए एक रहस्यमयी मामले की याद दिला दी है। यह मामला 25 अगस्त, 2001 का है, जब चौथे वर्ष के मेडिकल छात्र सौमित्र विश्वास को कॉलेज हॉस्टल में फांसी पर लटका पाया गया था। सौमित्र विश्वास की मौत को अधिकारियों ने आत्महत्या बताकर फाइल बंद कर दी। लेकिन पीड़ित परिवार को हमेशा से शक था कि यह मामला आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या का है। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने CID जांच के आदेश दिए, लेकिन एक साथी छात्रा, औरोमिता दास की गिरफ्तारी के बावजूद यह मामला आज तक अनसुलझा ही है।
अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश
सौमित्र की मां ने लंबे समय से मेडिकल कॉलेज में हो रही गड़बड़ियों का संदेह जताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि उसे कॉलेज परिसर में चल रही अवैध गतिविधियों की भनक लग गई थी। जांच के दौरान यह पता चला कि कॉलेज हॉस्टल में एक पोर्नोग्राफी गिरोह सक्रिय था, जिसमें सेक्स वर्कर्स और यहां तक कि शवों का भी शोषण किया जाता था। सौमित्र के दोस्तों ने भी इस बात की पुष्टि की कि इस गिरोह की गतिविधियों का खुलासा करने के कारण सौमित्र को निशाना बनाया गया था।
पौलामी साहा का मामला: एक और रहस्यमयी मौत
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक और दर्दनाक घटना हुई थी जिसमें 25 वर्षीय द्वितीय वर्ष की स्नातकोत्तर ट्रेनी पौलमी साहा का नाम भी शामिल है। पौलमी की मौत अस्पताल की छठी मंजिल से गिरने के कारण हुई थी, जिसे भी आत्महत्या बताकर इस मामले को भी रफा-दफा कर दिया गया था। लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, और उसकी मौत के आसपास की परिस्थितियां आज तक स्पष्ट नहीं हैं। इस घटना ने भी सौमित्र की मौत की तरह कई अनसुलझे सवाल छोड़ दिए हैं।
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डॉक्टरों का दावा: हॉस्टल में होती थी पॉर्न शूटिंग
डॉ. नीरज मिश्रा, अध्यक्ष, यूनाइटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर्स एसोसिएशन यूपी के अनुसार, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में ड्रग्स और सेक्स रैकेट के बारे में सभी जानते थे, लेकिन कोई जुबान नहीं खोलता था। उन्होंने बताया कि पॉर्न शूटिंग मुख्य रूप से वीकेंड्स में होती थी, जिसमें छात्रावास में सेक्स वर्कर्स को बुलाया जाता था। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि संकट के समय, जब वेश्याओं की व्यवस्था नहीं हो पाती थी, तो अस्पताल में रखे शवों का भी इस्तेमाल किया जाता था। यह एक बड़ा रैकेट था, जिसे एक राजनीतिक नेता का संरक्षण प्राप्त था।
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क्या छिपाना चाहती थी पुलिस?
इस आरोप की पुष्टि तब और पुख्ता हो गई जब छात्रावास के प्रथम तल पर कमरे नंबर 15 में ट्राइपॉड और रिफ्लेक्टर मिले। छात्रों ने बताया कि इस कमरे का नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन पुलिस ने इस हफ्ते तक उस कमरे की तलाशी लेने की भी जहमत नहीं उठाई। जब सौमित्र का शव बरामद हुआ, तो उसके गले में एक रूमाल ठूंसा हुआ पाया गया था। कमरे का दरवाजा भी अजीब तरीके से खुला हुआ था। डॉक्टरों ने भी यह देखकर आश्चर्य जताया कि सौमित्र एक छोटी नायलॉन की डोरी से पंखे से लटका हुआ था, जिसकी लंबाई इतनी कम थी कि आत्महत्या संभव नहीं लग रही थी। बावजूद इसके, पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर इसे आत्महत्या मान लिया, और किसी भी गड़बड़ी की संभावना से इनकार कर दिया।
अब महिला डॉक्टर की मौत ने उठाए नए सवाल
महिला डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले ने एक बार फिर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के गहरे रहस्यों को उजागर कर दिया है। इस बार उम्मीद की जा रही है कि मामले की सच्चाई सामने आएगी और गुनाहगारों को सजा मिलेगी। यह घटनाएं न केवल मेडिकल कॉलेज की प्रतिष्ठा को धूमिल करती हैं, बल्कि यह भी सवाल उठाती हैं कि आखिर इस तरह के अपराधों को कब तक दबाया जाता रहेगा? इस बार, देशभर के डॉक्टर और जनता न्याय की मांग कर रहे हैं, और उम्मीद है कि इन घटनाओं के पीछे छिपे काले सच सामने आएंगे।