Sandeshkhali case: पश्चिम बंगाल में हुई संदेशखाली की घटना बीते कई महीनों से चर्चा का विषय बना हुआ है.संदेशखाली मामले पर भाजपा के साथ ही विपक्ष भी लगातार टीएमसी सरकार को घेरता रहा है.इस बीच संदेशखाली मामले पर कोलकता हाईकोर्ट ने यहां महिलाओं पर हुए अत्याचार और जमीन कब्जाने के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है.कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि,संदेशखाली में मामलों की जटिलता को देखते हुए इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस पर निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और इसलिए राज्य की जिस भी एजेंसी को जांच के लिए प्रभार दिया जाएगा,उसे भी उचित समर्थन करना होगा.बीते गुरुवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने संदेशखाली की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई थी।
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कोर्ट की निगरानी में होगी जांच
कोर्ट ने बुधवार को संदेशखाली मामले पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा कि,लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जबरन वसूली, जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच सीबीआई से कराई जाएगी.कोर्ट ने ये भी कहा कि, संदेशखाली में 5 जनवरी को ईडी के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच सीबीआई कर रही है इस पर अब अदालत निगरानी रखेगी।
क्या है ED का मामला?
टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर राशन घोटाला मामले में छापेमारी करने पहुंचे ईडी अधिकारियों पर भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद से ही सारा विवाद शुरू हुआ.इस पर ED नें आरोप लगाया कि,शाहजहां शेख के इशारे पर ही जांच एजेंसी के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला किया था.संदेशखाली में 5 जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हुए हमले की CBI जांच कर रही है, जिस पर आज कोर्ट ने निगरानी रखने की बात कही है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई थी फटकार
बीते गुरुवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने संदेशखाली की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी.कोर्ट ने संदेशखाली में हिंसा के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि,ये मामला बेहद शर्मनाक है इसमें राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि,वो हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करे.मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि,”भले ही एक हलफनामा सही हो…अगर इसमें एक प्रतिशत भी सच्चाई है…तो ये बहुत शर्मनाक है।
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