भारत: भारत और कनाडा की दोस्ती सबसे खास मानी जाती हैं, क्योंकि भारत के लोग कनाडा में जाना सबसे ज्यादा पंसद करते हैं। अगर बातकरें रिकार्ड की तो 5 साल के अंदर भारत के 1.5 लाख लोग कनाडा की नागरिकता को अपना लिए है। ऐसे में देखा जाएं तो इन दिनों खालिस्तानी समर्थक और आतंकियों को लेकर भारत और कनाडा के रिश्तें में धीरे धीरे खटास भी देखने को मिल रही रही हैं। अगर बात करें पूरे मामले की तो दोनो देश खालिस्तानी आंतकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर एक दूसरे के विरोधी भी हो चुके हैं। ऐसे में पिछले पांच सालों में एक लाख से ज्यादा भारतीयों ने कनाडा की नागरिकता को भी अपना लिया है।
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5 साल के अंदर 1.6 लाख लोगों ने अपनाई कनाडा नागरिकता
आपको बता दें कि भारत की पहली पंसद अमेरिका के बाद कनाडा बन चुका है। वहीं 5 साल के अंदर लगभग 1.6 लाख से भी अधिक भारत के लोग अपनी नागरिकता खो दिए है। यानी कि भारत की नागरिकता छोड़ने वालों में करीब 20 % लोगों ने कनाडा की नागरिकता को अपना लिया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कनाडा दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां भारतीय मूल के लोग रहना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं यह भी देखने को मिला हैं कि कनाडा में सिख समुदाय लोगो की जनसंख्या काफी ज्यादा है, अब तक 8 लाख से ज्यादा लोग कनाडा में सिक्ख समुदाय के है। इसी वजह से कनाडा में सिक्खो की संख्या सबसे ज्यादा पाई जाती हैं।

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जानें भारतीय नागरिकता छोड़ने की वजह
भारत के लोग दूसरे देशों में रहना इसलिए पंसद कर रहे है क्योंकि कि उन्हें यहां अंग्रजी भाषा के साथ बच्चों की पढाई के लिए भी अच्छी सुविधा मिल सके साथ ही नौकरी के तालाश में ज्यादा इधर-उधर ना भटकना पडें। वहीं भारतीय लोग विकसित देशों की नागरिकता लेना इसलिए पंसद करते है उनके साथ-साथ उनके बच्चों को भी अच्छी सुविधा मिल सके। इसी कारण भारत के लोग कनाडा के साथ ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका जैसे देश में रहना पसंद करते हैं।

भारतीयों का दूसरी पंसद बना कनाडा
भारत में 5 साल के अंदर लगभग 58 % लोग अमेरिका के साथ कनाडा की नागरिकता को अपना लिए हैं। वहीं भारतीय लोगो की दूसरी पंसद कनाडा बन गया हैं। ऐसे में यह भी देखने को मिला है कि भारत की तिसरी पंसद ऑस्ट्रेलिया और चौथी पंसद ब्रिटेन बन चुका हैं। भारत के लोग दूसरे देश में जाना इसलिए पंसद कर रहे है, क्योंकि कि उन लोगों का यह भी मानना है कि उन्हें भारत के हिसाब से दूसरे देशों में ज्यादा अच्छी सुविधा प्राप्त होती हैं।