जानें Yogini Ekadashi में भगवान विष्णु को कौन-कौन-सी चीजों का लगाएं भोग?

Mona Jha
By Mona Jha

Yogini Ekadashi : योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी और माँ लक्ष्मी की पूजा से मान्यता है कि जातक की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं. व्रत को पूरा करने के लिए श्री हरि को प्रिय भोग समर्पित करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जाता है. इस तरह से भगवान की पूजा उनकी अनुग्रह को प्राप्त करने का सशक्त माध्यम होती है. आइए इस आर्टिकल से जानते हैं कि एकादशी के भोग में किन चीजों को शामिल करना चाहिए?

आपको बता दे की वर्ष में 24 बार एकादशी का व्रत महत्त्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें से योगिनी एकादशी का विशेष महत्त्व है. यह एकादशी आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है और इस वर्ष यह 2 जुलाई को है. इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्त्व होता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं और सभी पाप भी मिट जाते हैं.

Read more :NIA ने तमिलनाडु में हिज्ब उत-तहरीर के संगठन पर की छापेमारी

जानिए योगिनी एकादशी के भोग के बारे में

  • योगिनी एकादशी के विशेष अवसर पर, भगवान विष्णु को पंचामृत से भोग अर्पित करना अत्यंत प्रासंयक होता है. इससे माँ लक्ष्मी और श्री हरि प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को धन सम्बंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
  • इसके अतिरिक्त, खीर भी भगवान विष्णु को भोग लगाने के लिए उपयुक्त है. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है.
  • भगवान विष्णु को केला भी बहुत प्रिय है. इसलिए, इस व्रत में केले का भोग अर्पित करना उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि इससे धन सम्बंधी समस्याएँ दूर होती हैं और कुंडली में गुरु दोष का समापन होता है.
  • योगिनी एकादशी पर, विष्णु जी को दूध और दही का भोग अर्पित करना शुभ होता है. इससे व्रती को शुभ फल प्राप्त होता है.
  • अन्य भोग के साथ-साथ, विष्णु जी को मोतीचूर के लड्डू भी अर्पित करना उत्तम माना जाता है. इससे एकादशी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है.

Read more :New Crime Laws: 1 जुलाई से नए आपराधिक कानूनों का प्रारंभ, हत्यारों को 302 नहीं 101 के तहत मिलेगी सजा

भोग मंत्

  • त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये.
  • गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर.
  • यह मंत्र भगवान के प्रति श्रद्धा और समर्पण का अभिव्यक्ति है. इसका अर्थ है कि हे भगवान, सब कुछ जो मेरे पास है, वह आपकी कृपा से ही मुझे दिया गया है. मैं इसे आपको समर्पित कर रहा हूँ. कृपा करके इस भोग को आप स्वीकार करें.
Share This Article
Exit mobile version