What is landslide:केरल के वायनाड में लगातार भारी बारिश के कारण मंगलवार को चार अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड(landslide) हुआ है। इन घटनाओं में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला, और नूलपुझा गांव शामिल हैं। इसके वजह से कम से कम 45 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग मलबे में दबे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में 250 से अधिक लोगों को अब तक बचाया गया है।इस अवस्था को देखते हुए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तत्परता से रेस्क्यू कार्य कर रही हैं।
साथ ही, कन्नूर से सेना के 225 जवान वायनाड के लिए रवाना हो गए हैं, जिनमें मेडिकल टीम भी शामिल है। इसके अलावा, एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सक्रिय हैं।वायनाड में जारी बारिश की वजह से सरकारी अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और सुरक्षित स्थानों पर ही रहने की सलाह दी है। ऐसे में आज आपको बताते है कि क्या होता है लैंडस्लाइड …
लैंडस्लाइड (landslide) क्या है?
बताते चले कि लैंडस्लाइड एक प्राकृतिक आपदा या फिर ये कहिए – भूवैज्ञानिक घटना है, जो धरातली हलचल के कारण होती है। पहाड़ी क्षेत्रों से ढलानों, चट्टानों की मिट्टी, चट्टान और कीचड़ -मलबा का अचानक तेज बहाव आता है या नीचे गिरते व खिसकते हैं तो इसे लैंडस्लाइड कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर भारी बारिश, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या फिर मानवीय गतिविधियों के कारण होती है।
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लैंडस्लाइड(landslide) के क्या हैं वजह?
लैंडस्लाइड कई कारणों से होता है। इनमें प्राकृतिक घटनाएं और मानवीय हस्तक्षेप दोनों शामिल हैं। सबसे बड़ी वजह वनों की अंधाधुंध कटाई को माना जाता है।
विकास के नाम पर जंगल काटे जा रहे हैं। पेड़-पौधों की कटाई और कम होते जंगल से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है।चट्टानों की पकड़ ढीली हो जाती है, जिस कारण भी लैंडस्लाइड होता है। बता दें कि पेड़ों की जड़ें मिट्टी और चट्टानों को बांधने में मदद करती हैं। इसके अलावा भूकंप और मूसलाधार बारिश के चलते भी लैंडस्लाइड होता है।
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लैंडस्लाइड (landslide) का सबक क्या है?
भूस्खलन का सबसे बड़ा सबक पर्यावरण संरक्षण है। प्रकृति से खिलबाड़ पर्यावरण के लिए विनाशकारी साबित हो रहा है. वनों की कटाई, पहाड़ों में हस्तक्षेप, नदियों का संरक्षण, अंधाधुंध औद्योगिकरण आदि क्षेत्रों की ओर विशेष सतर्कता रखने की जरूरत है.विकास जरूरी है लेकिन प्रकृति के विनाश की बुनियाद पर कत्तई नहीं।