सावन का महीना महादेव को समर्पित होता है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना की जाती है। कहा जाता है कि सावन के महीने में हर एक सोमवार को भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। साथ ही महादेव व्यक्ति की हर मनोकामनाओं को भी पूरा करते है। कहा जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
श्रावण मास की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस बार सावन में 8 सोमवार पड़ने वाले हैं। यानी इस बार सावन का महीना 2 महीने का है।आइए जानते हैं सावन कब से शुरू हो रहे है और जानते हैं कि सावन के महीने का इतना महत्व क्यों है और भगवान शिव को यह महीना क्यों प्रिय है?
पूरे देश में सावन के महीने को एक त्योहार की तरह मनाया जाता है और इस परंपरा को लोग सदियों से निभाते चले आ रहे हैं। भगवान शिव की पूजा करने का सबसे उत्तम महीना होता है सावन। प्रसिद्ध कांवड़ यात्रा भी सावन के महीने मे ले जाई जाती है। साथ ही सावन के महीने को प्यार का महीना भी कहा जाता है क्योंकि घनघोर तपस्या के बाद सावन मे माँ पार्वती को भगवान शिव प्राप्त हुए थे।
सावन मास का महत्व…
श्रावण मास हिंदी कैलेंडर में पांचवें स्थान पर आता हैं और इस ऋतु में वर्षा होनी प्रारंभ हो जाती हैं। शिव जी को श्रावण का देवता माना जाता हैं इस माह में शिव जी को भिन्न-भिन्न तरीकों से पूजा जाता हैं पूरे महीना धार्मिक उत्सव होते गुजर जाता हैं पता ही नही चलता और विशेष तौर पर सावन के सोमवार को मंदिरो मे भक्तो की भीड़ शिव पूजन के लिए उमड़ी रहती हैं। भारत में पूरे उत्साह और उल्लास के साथ सावन महोत्सव मनाया जाता हैं। इस माह मे घरों मे झूले भी बांधे जाते है ,बारिश के महीने मे यह झूले बच्चो की खुशी को दोगुना कर देते है। बता दें कि इस महीने में कई महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार भी पड़ते हैं जैसे- रक्षा बंधन, हरियाली तीज, नाग पंचमी, कृष्ण जन्माष्टमी आदि। सावन के महीने में खूब बारिश होती है इसलिए चारों ओर हरियाली छा जाती है और मौसम खुशमिजाज हो जाता है इसी वजह से ये महीना किसानों को भी प्रिय होता है।
सावन सोमवार का महत्व
माना जाता है कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है साथ ही जीवन में सुख समृद्धि की कमी भी नहीं रहती है। सावन के महीने में भगवान शिव पर धतूरा, बेलपत्र चावल चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
आखिर क्यों भोलेनाथ को प्रिय है ?सावन का महीना…
बता दें कहा जाता हैं सावन भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता हैं। इसके पीछे की मान्यता यह हैं कि राजा दक्ष की पुत्री सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जीया। उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप मे प्राप्त करने के लिए पूरे सावन भर कठोरतप किया जिसके बाद प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। अपनी पत्नी से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को श्रावण का का यह महीना बहुत प्रिय हैं। यही कारण है कि इस महीने मे जो भी कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं।
मान्यता हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार…
धार्मिक मान्यतानुसार सावन मास में ही समुद्र मंथन हुआ था जिसमे निकले विष को भगवान शिव ने पी लिया जिस कारण उन्हें नीलकंठ का नाम मिला और इस प्रकार भगवान शिव ने सृष्टि को इस विष से बचाया। इसके बाद सभी देवताओं ने उन पर जल डाला था इसी कारण शिव अभिषेक में जल का विशेष स्थान हैं वर्षा ऋतु के चौमासा में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और इस वक्त पूरी सृष्टि भगवान शिव के अधीन हो जाती हैं। अत: चौमासा में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मनुष्य जाति कई प्रकार के धार्मिक कार्य, दान, उपवास आदि करती हैं।