International tiger day: बाघों के संरक्षण के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने के लिहाज से हर साल पूरे दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है, जिस कारण ये दिन भारत के लिए और भी खास होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण के लिए कई अहम कदम उठाए गए है। साल 2010 में सेंट पिट्सबर्ग में एक ‘बाघ समिट’ का आयोजन किया गया। बाघ की प्रजातियों के संरक्षण के साथ-साथ, इस दिन का उद्देश्य उनके आवासों की रक्षा और विस्तार करना है। बाघों का ज्यादातर पर्यावास वन क्षेत्रों में होता है, लेकिन मौज़ूदा वक़्त में जंगलों की अंधाधुंध कटाई के चलते बाघों के पर्यावास पर काफ़ी बुरा प्रभाव पड़ा है। इसलिए वन क्षेत्रों को बढ़ाना और संरक्षित रखना बाघ संरक्षण के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
जानिए अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास-

अंतर्राष्ट्रीय विश्व बाघ दिवस का उद्देश्य संख्या को बिगड़ने से रोकना है। पर्यावास का नुकसान, जलवायु परिवर्तन, शिकार और अवैध शिकार केवल कुछ ऐसे कारक हैं जो बाघों की आबादी में गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं। इन प्रजातियों के संरक्षण के साथ-साथ, इस दिन का उद्देश्य उनके आवासों की रक्षा और विस्तार करना भी है। एक और खतरा जिसने बाघों की आबादी को बुरी तरह से प्रभावित किया है, वह है आवास का नुकसान। दुनिया भर में, हम पहुंच मार्गों, मानव बस्तियों, लकड़ी की कटाई और कृषि के कारण बाघों के आवासों का नुकसान देख रहे हैं।
जानते है अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का महत्व-
विश्व बाघ दिवस मनाना महत्वपूर्ण है क्योंकि विश्व वन्यजीव कोष के मुताबिक दुनिया भर में केवल 3900 जंगली बाघ ही मौजूद हैं।अब तक बाली टाइगर, कैस्पियन टाइगर, जावन टाइगर और टाइगर हाइब्रिड ऐसी प्रजातियां हैं, जो विलुप्त हो चुकी हैं। बाघ संरक्षण के मामले पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यहाँ जानिए बाघों के बारे में रोचक तथ्य-

-बाघ अपने मजबूत पैरो की सहायता से बड़ी आसानी से अपने शिकार को पकड़ लेता है। लेकिन क्या आप जानते है कि बाघ के पैर इतने मजबूत होते हैं, कि वह मरने के बाद भी खड़ा रह सकता है।
-अगर आपका सामना कभी बाघ से हो और यदि आप सीधे बाघ की आंखों में देखेंगे, तो वह आप पर हमला करने से पहले सोचेगा, या ये भी हो सकता है कि वह आप पर हमला करने का इरादा बदल दे।