Farmers Protest Row: शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन ने आज अपने 200 दिन पूरे कर लिए. विभिन्न मांगों को लेकर किसान अभी भी संगठित रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मौके पर पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने शंभू बॉर्डर पहुंचकर किसानों का समर्थन किया. इस दौरान किसानों ने उन्हें सम्मानित भी किया. इस आंदोलन में विनेश फोगाट की उपस्थिति ने एक नई ऊर्जा भर दी है.
विनेश फोगाट का समर्थन और बयान

बताते चले कि विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने शंभू बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों के साथ एकजुटता दिखाई. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें राजनीति की ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन वे जानती हैं कि किसान हर जगह हैं. उन्होंने बताया कि वे भी पहले खेतों में काम कर चुकी हैं, इसलिए किसानों की पीड़ा को समझती हैं. उनके अनुसार, “हर कोई मजबूरी में आंदोलन करता है. जब कोई आंदोलन लंबा चलता है, तो लोगों में उम्मीद जगती है. लेकिन जब अपने लोग सड़क पर बैठेंगे तो देश तरक्की कैसे करेगा? मुझे लगता है कि अपने हक के लिए सड़क पर आना चाहिए.”
किसानों की मांगें और आंदोलन का उद्देश्य

आपको बता दे कि किसान 13 फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी प्रमुख मांगों में सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी शामिल है. इसके अलावा, वे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी सरकार से जवाब चाहते हैं. किसानों का कहना है कि वे अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे.
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सरकार के प्रति किसानों की नाराजगी
अमृतसर जिले के किसान नेता बलदेव सिंह बग्गा ने बताया कि उन्होंने सरकार से संवाद स्थापित करने के कई प्रयास किए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कई बार पत्र लिखे गए, लेकिन वहां से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. इस नाराजगी के चलते किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने 31 अगस्त को शंभू और खनौरी पॉइंट पर बड़ी संख्या में किसानों को इकट्ठा होने की अपील की है.
कंगना रनौत के खिलाफ कार्रवाई की मांग

किसानों ने बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से आग्रह किया है कि वे कंगना रनौत के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं। कंगना की पिछली टिप्पणियों ने किसान समुदाय में गुस्सा भड़का दिया है, और अब किसान चाहते हैं कि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.
किसानों का हौसला बरकरार

आंदोलन के 200 दिन पूरे होने के बाद भी किसानों का हौसला बरकरार है. वे अपनी मांगों के प्रति गंभीर हैं और इस आंदोलन को किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि सरकार उनकी बात नहीं सुनती. शंभू बॉर्डर पर और भी अधिक किसान जुटने वाले हैं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह आंदोलन अभी थमने वाला नहीं है. किसानों की एकजुटता और उनकी बढ़ती संख्या सरकार के लिए एक चुनौती बनी हुई है.
शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के 200 दिन पूरे होने के साथ ही आंदोलन और भी मजबूत होता जा रहा है. विनेश फोगाट जैसी हस्तियों का समर्थन इस आंदोलन को और अधिक प्रभावी बना रहा है. किसानों की मांगें और उनकी नाराज़गी स्पष्ट हैं, और सरकार को जल्द ही इस पर गंभीरता से विचार करना होगा. जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
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