Kharmas 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास एक ऐसी अवधि होती है, जब शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। इस बार खरमास 14 मार्च 2025 को शाम 6:59 बजे से शुरू हो गया है, जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर चुके है। खरमास का समापन 13 अप्रैल 2025 को होगा, जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा। इस अवधि में ग्रहों की स्थिति शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती है, इसलिए इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों से बचना चाहिए।
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धार्मिक दृष्टि से खरमास का महत्व

हालांकि खरमास को शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता, लेकिन धार्मिक दृष्टि से यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस अवधि में पूजा-पाठ, मंत्र जाप, गंगा स्नान, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठान करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। विशेष रूप से इस समय भगवान विष्णु की उपासना और हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष फल मिलने की मान्यता है। इसके अलावा, हवन, भागवत कथा, रामायण पाठ और जरूरतमंदों की सहायता करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
खरमास के दौरान किए जाने वाले धार्मिक कार्य
आपको बता दे कि खरमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करना महत्वपूर्ण होता है। नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। सूर्य को जल अर्पित करें और “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। साथ ही, जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और अन्य आवश्यक चीजों का दान करें। यदि तीर्थ यात्रा संभव न हो तो गंगाजल से स्नान करें। इस समय हनुमान चालीसा और शिव पुराण का पाठ भी विशेष लाभकारी माना जाता है।
खरमास में किन कार्यों से बचना चाहिए?

खरमास की अवधि में कुछ कार्यों से बचना चाहिए, जो जीवन में अस्थिरता या समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। इस दौरान विवाह या सगाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह जीवन में अस्थिरता ला सकता है। नया व्यवसाय शुरू करना या नया वाहन खरीदना भी इस समय शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि इससे आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, घर में नया प्रवेश, संपत्ति की खरीदारी या बच्चों का मुंडन कराना भी इस समय शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि इससे परिवार में कलह और वित्तीय अस्थिरता आ सकती है।
खरमास के बाद क्या होगा?
खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा, और इसके बाद मांगलिक कार्यों के लिए शुभ समय फिर से शुरू होगा। इस दौरान किए गए धार्मिक कार्यों से प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक हो सकती है।