भाई दूज पर इन बातों का रखें ध्यान

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Bhai Dooj: दिपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलता हैं जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती हैं। सबसे पहले धनतेरस, छोटी दिपावली इसके बाद बड़ी दीपावली। बड़ी दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजन की जाती हैं फिर आखिरी में भाई बहनों का त्योहार भैया दूज मनाया जाता हैं। इस दिन हर बहन अपने भाई के लंबे उम्र की कामना करती हैं।

read more: गोलियों की आवाज से दहला दिल्ली से सटा गाजियाबाद का कौशांबी इलाका

पवित्र बंधन का प्रतीक

भैया दूज का त्योहार भाई और बहन के बीच प्यार और पवित्र बंधन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं और पूजा करती हैं। वहीं कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाती हैं। उनके लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं। भाई अपनी बहनों के लिए उपहार लाते हैं। साथ ही अपनी बहनों की रक्षा करने का वादा करते हैं। भाई दूज को भैया दूज, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया, भाई द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।

तिलक लगाने का सही तरीका ?

आपको बताते चले कि हिंदू धर्म में हर एक चीज का अपना एक अलग ही महत्व होता हैं। जिसका पालन करना चाहिए। लेकिन कई बार लोग इस पर्व पर कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसे अशुभ माना जाता है। दरअसल, हम तिलक लगाने के सही तरीके की बात कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं क्या है तिलक लगाने का सही तरीका ?

Jamui : अपराधियों के हौसले बुलंद | चेकिंग कर रहे दारोगा को सड़क पर कुचला

भाई के माथे पर तिलक लगाते समय..

आपको बता दे कि इस दिन भाई के माथे पर तिलक लगाते समय उसका मुख उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए और बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

  • पूजा करते समय भाई को लकड़ी की चौकी पर बिठाना चाहिए, उसे न कुर्सी पर बिठाना चाहिए, नाही खड़े होने के दौरान तिलक करना चाहिए।
  • टीका करने के बाद भाई की कलाई पर मौली धागा अवश्य बांधना चाहिए और आरती करनी चाहिए।
  • भाई दूज के दौरान शुभ मुहूर्त के अनुसार ही तिलक करें।
  • बहनों को अपने भाई के माथे पर टीका लगाने से पहले कोई भी उपहार स्वीकार नहीं करना चाहिए।
  • भाई दूज के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • भाई दूज के दौरान मांसाहार से बचना चाहिए।
  • अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन भाई-बहनों को कोशिश करनी चाहिए कि लड़ाई-झगड़ा न करें, क्योंकि यह एक शुभ अवसर है।
Share This Article
Exit mobile version