Kanya Puja 2024:कन्या पूजन कब और कैसे करें? यहां जानें पूरी विधि और शुभ मुहूर्त

Mona Jha
By Mona Jha
Navratri Kanya Puja 2024
Navratri Kanya Puja 2024

Navratri Kanya Puja 2024:नवरात्रि के पावन पर्व का समापन कन्या पूजन के साथ किया जाता है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, और अंतिम दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, कन्याओं को देवी का रूप माना जाता है और उन्हें भोजन कराकर भक्त अपनी पूजा को पूर्ण करते हैं। व्रत रखने वाले भक्त कन्याओं को भोजन कराने के बाद ही अपना व्रत तोड़ते हैं। यह माना जाता है कि कन्या पूजन से घर में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन होता है।
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कन्या पूजन का महत्व

शास्त्रों में वर्णित है कि नवरात्रि (Navratri Kanya Puja 2024) के अष्टमी या नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोजन कराने से जीवन में आने वाले सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। यह भी मान्यता है कि कन्याएं 2 से 10 वर्ष की आयु की होनी चाहिए। इस आयु वर्ग की कन्याओं को भोजन कराने से व्यक्ति को कभी धन की कमी नहीं होती और उसके जीवन में उन्नति बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि नौ कन्याओं का पूजन करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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कन्या पूजन कब करें, अष्टमी या नवमी?

कन्या पूजन (Kanya Puja 2024) के बारे में अक्सर सवाल उठता है कि इसे अष्टमी के दिन करना चाहिए या नवमी के दिन। 2024 में नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हुई, जिसका समापन 11 अक्टूबर को होगा। देवी दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन 12 अक्टूबर को होगा। सामान्य रूप से नवमी को कन्या पूजन का विधान होता है, लेकिन कई भक्त अष्टमी के दिन भी कन्या पूजन करते हैं। पूजा के समय कन्याओं को सम्मानपूर्वक बैठाकर उनके पैर धोए जाते हैं और उन्हें प्रिय भोजन खिलाया जाता है। इसके बाद उन्हें उपहार भी दिए जाते हैं।

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शुभ मुहूर्त (Kanya Puja 2024 Muhurat)

  • महाष्टमी पर कन्या पूजन- 11 अक्टूबर को सुबह 07:47 मिनट से लेकर 10:41 मिनट तक कर सकते हैं.
  • इसके बाद दोपहर 12:08 मिनट से लेकर 1:35 मिनट तक कर सकते हैं

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कन्या पूजन से प्राप्त होने वाले लाभ

कन्या पूजन (Kanya Puja 2024)का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी है। यह उत्सव बालिकाओं के प्रति आदर और सम्मान का प्रतीक है। कन्याओं को भोजन कराने से घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। शास्त्रों में बताया गया है कि कन्या भोज कराने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं। इसके साथ ही जातक का भाग्य भी प्रबल होता है, जिससे उसके सभी कार्य सफल होते हैं।

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कन्या पूजन के बिना मां की पूजा अधूरी

नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन (Kanya Puja 2024) के बिना मां की पूजा अधूरी मानी जाती है। यह न केवल देवी के प्रति हमारी आस्था को प्रकट करता है, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपराओं के महत्व को भी दर्शाता है। इसलिए, भक्तगण अपने घरों में कन्या पूजन का आयोजन करते हैं और कन्याओं को देवी के रूप में पूजते हैं। इस साल, 2024 में, कन्या पूजन 10 या 11 अक्टूबर को किया जा सकता है, जो भक्त की श्रद्धा और सुविधा पर निर्भर करता है।

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