Muzaffarnagar में कांवड़ियों का हंगामा! रोड किया जाम, कांवड़ के आगे मांस पड़े मिलने का लगाया आरोप

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
कावड़ यात्रा

Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर जनपद में शनिवार देर शाम एक बड़ी घटना सामने आई जब हरिद्वार से जल लेकर आ रहे कुछ कांवड़ियों ने कांवड़ खंडित होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और मेरठ-मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) रोड को जाम कर दिया। कांवड़ियों का दावा था कि उनकी कांवड़ के पास किसी ने पन्नी में मांस डाल दिया था, जिससे उनकी कांवड़ खंडित हो गई। इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया और यातायात बाधित हो गया।

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प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया

इस घटना की सूचना मिलते ही एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कई घंटों की मशक्कत के बाद नाराज कांवड़ियों को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर पॉलिथीन को हटवा दिया, लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उसमें मांस था या नहीं।

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घटनास्थल और कांवड़ियों का बयान

घटना खतौली कोतवाली इलाके के घंटाघर के पास हुई, जहां मेरठ के तीन कांवड़ियों ने अपनी कांवड़ रखी थी। कांवड़ियों का आरोप है कि जब वे नहर पर नहाने गए थे, तो किसी ने उनकी कांवड़ के नीचे पन्नी में मांस फेंक दिया था। नाराज शिव भक्त कांवड़ियों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कांवड़ खंडित करने का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। कांवड़िए, जो माजिदपुर खुर्द से आए थे, ने बताया कि वे हरिद्वार से जल लेकर आ रहे थे और दो दिनों से घंटाघर पर रुके हुए थे। उन्होंने कहा कि कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन जब वे आरती के समय नहर पर नहाने गए और 10 मिनट में वापस लौटे, तो कांवड़ के आगे मांस पड़ा हुआ मिला।

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प्रशासन का बयान

सिटी एसपी ने बताया कि कुछ कांवड़िये हरिद्वार से जल लेकर खतौली पहुंचे थे। वे रोड के किनारे अपनी ट्रॉली में जल रखकर नहर पर नहाने गए थे। जब वे वापस आए तो उनकी ट्रॉली के पास एक काली संदिग्ध पॉलिथीन मिली। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर पॉलिथीन को हटवा दिया और जांच शुरू की। कांवड़ियों का आरोप था कि प्रशासन कोई सहायता नहीं दे रहा है, जिससे नाराज होकर उन्होंने सड़क जाम कर दी। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और कांवड़ियों को समझा-बुझाकर जाम को खुलवाया। ट्रैफिक फिर से सामान्य हो गया और पुलिस ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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राजनीतिक और धार्मिक संवेदनशीलता

इस घटना ने राजनीतिक और धार्मिक संवेदनशीलता को उजागर किया है। कांवड़ यात्रा के दौरान ऐसी घटनाएं अक्सर तनाव का कारण बनती हैं और प्रशासन को सतर्क रहना पड़ता है। धार्मिक आस्था से जुड़े मामलों में प्रशासन की तत्परता और निष्पक्षता महत्वपूर्ण होती है, ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा और तनाव से बचा जा सके। कांवड़ यात्रा एक धार्मिक और पवित्र यात्रा होती है, जिसे लाखों लोग श्रद्धा और विश्वास के साथ करते हैं। ऐसी घटनाएं जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, वे न केवल सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि प्रशासन के लिए भी चुनौती बन जाती हैं। इस मामले में प्रशासन की तत्परता और कांवड़ियों की शिकायतों को गंभीरता से लेना सराहनीय है।

हालांकि, इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए और अधिक सतर्कता और निगरानी की आवश्यकता है। आस्था और श्रद्धा के मामलों में संवेदनशीलता का ध्यान रखते हुए, हमें समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। ऐसी घटनाएं जो धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास करती हैं, उन्हें सख्ती से निपटाना चाहिए ताकि समाज में आपसी भाईचारा और शांति बनी रहे।

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