Kannauj सीट पर सपा का सस्पेंस बरकरार,Akhilesh या फिर तेज प्रताप! कौन करेगा 25 को नामांकन ?

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान हो चुके है.दूसरे चरण के मतदान 26 अप्रैल को होने है. यूपी की सियासत हर रोज दिलचस्प होती जा रही है. चुनावी मैदान में किसी के सामने सत्ता को पाने का जतन है, किसी के सामने सत्ता बचाने का जतन है. यूपी की कन्नौज सीट इस समय बहुच चर्चा में बनी हुई है. इस सीट को लेकर सस्पेंस बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, इस सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ सकते हैं.

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क्या अखिलेश यादव कन्नौज से लड़ेंगे चुनाव ?

बताते चले कि इस सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी भतीजे तेज़ प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में सबकी नजरें नामांकन के आखिरी दिन 25 अप्रैल पर टिकी है. माना जा रहा है कि तेजप्रताप की जगह अखिलेश अपना नामांकन कर कन्नौज से चुनाव लड़ सकते हैं. सूत्रों के अनुसार आज कन्नौज के बड़े समाजवादी पार्टी पदाधिकारियों के साथ अखिलेश यादव की बैठक हुई. जिसमें सभी ने कन्नौज से तेज प्रताप यादव की उम्मीदवारी को लेकर पुनर्विचार को लेकर आग्रह किया. सभी ने कहा पार्टी अध्यक्ष अपनी परम्परागत सीट को लेकर विचार करें और ख़ुद ही इस सीट से चुनाव लड़ें.

कन्नौज सीट से बदल सकता है उम्मीदवार

आपको बता दे कि बैठक में अखिलेश यादव ने कहा है कि वो चाचा रामगोपाल और शिवपाल यादव से बात करके तय करेंगे. सूत्रों की मानें तो अखिलेश ने कहा आप लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस मामले पार विचार किया जा सकता है. जिसके बाद अखिलेश यादव के कन्नौज सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गईं हैं. समाजवादी पार्टी ने बीते सोमवार को ही कन्नौज से पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया है. इस लिस्ट में दूसरा नाम सनातन पांडेय का है जिन्हें बलिया से बीजेपी प्रत्याशी नीरज शेखर के ख़िलाफ़ मैदान में उतारा गया है. इस बीच मंगलवार से ही सोशल मीडिया पर कन्नौज से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा दिनभर चलती रही. हालांकि पार्टी के ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

कन्नौज सीट सपा का गढ़ रही

यूपी की कन्नौज सीट सपा का गढ़ रही है लेकिन, साल 2019 के चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने यहां डिंपल यादव को हारकर जीत दर्ज की थी, भाजपा ने एक बार फिर से सुब्रत पाठक को ही मैदान में उतारा है. अगर अखिलेश यादव यहां चुनाव में उतरते हैं सुब्रत पाठक की मुश्किलें बढ़ जाएंगी और मुकाबला काँटे का होगा. माना जा रहा है कि अखिलेश 25 अप्रैल को नामांकन भर सकते हैं.

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